पूर्वांचल
चार साल में दो बार बदले जिलाधिकारी, फिर भी नहीं मिला न्याय
जौनपुर। साहब! चार साल से तहसील का चक्कर काट रहा हूं। तीन बार कमेटी गठित हुई। कानूनगो, लेखपाल मौके पर गए, लेकिन न्याय नहीं मिल सका। छेछुआ-भुर्रा में आज भी पंचायत भवन का निर्माण नहीं हो सका। बात हो रही है संपूर्ण समाधान दिवस की, जहां भुर्रा के ग्रामीण ह्दय नारायण सिंह अपनी बात रखी। यह सुनकर कमिश्नर नाराज हो गए।
शनिवार को संपूर्ण समाधान दिवस के अवसर पर ज्ञानपुर तहसील का माहौल अलग था। परिसर को सजाया-संवारा गया और सभी अधिकारी सतर्क नजर आ रहे थे। सुबह लगभग 11:45 बजे जब कमिश्नर डॉ. मुथु कुमार स्वामी पहुंचे, तो फरियादियों की लम्बी कतार लग गई।
अधिकारियों ने समस्याओं को सुना तहसील सभागार में एक-एक करके फरियादी अपनी समस्याएं लेकर आने लगे। छेछुआ गांव के ह्दय नारायण सिंह ने शिकायत की कि सरकारी धन का दुरुपयोग हो रहा है। इसी दौरान सीकी चौरा के जयशंकर बिंद ने मत्स्य पालन के लिए पट्टा आवंटन में देरी की शिकायत की। उन्होंने बताया कि वे पिछले दो महीने में चार बार तहसील आए, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो पाई।
छेछुआ के अन्य ग्रामीणों ने भी एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें कहा गया कि गांव के तालाब का पट्टा मत्स्य पालन के लिए हुआ था, लेकिन वहां खेती की जा रही है। कई शिकायतों के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई। वहीं, अजयपुर में सरकारी और मंदिर की जमीन पर भूमाफिया कब्जा किए बैठे हैं। डीएम के आदेश के बावजूद राजस्व विभाग उन्हें हटाने में नाकाम रहा।
कमिश्नर ने अपर आयुक्त प्रशासन विश्राम कुमार के साथ मिलकर लोगों की समस्याओं को सुना। फरियादियों की लगातार शिकायतें सुनकर कमिश्नर ने नाराजगी जाहिर की और एसडीएम व तहसीलदार को त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए। समाधान दिवस पर कुल 41 आवेदन आए, जिनमें से केवल पांच मामलों का समाधान हो सका।