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वाराणसी

चाइनीज मांझे से अधिवक्ता का गला कटा, खुद ही बाइक चलाकर पहुंचा अस्पताल

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वाराणसी। जिले में चाइनीज मांझे का खतरा थमने का नाम नहीं ले रहा है। रविवार देर शाम एक और हादसे में अधिवक्ता कैलाश नाथ सेठ का गला चाइनीज मांझे से कट गया। गंभीर रूप से घायल होने के बावजूद वे खुद ही बाइक चलाकर कबीरचौरा मंडलीय चिकित्सालय पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने उनके गले में चार टांके लगाए और उंगली में भी चोट का इलाज किया।

दारानगर से लौटते समय हुआ हादसा
पूर्व इनकम टैक्स बार एसोसिएशन पदाधिकारी अधिवक्ता कैलाश नाथ सेठ रविवार शाम दारानगर से अपने घर खजुरी लौट रहे थे। चौकाघाट फ्लाईओवर के पास अचानक चाइनीज मांझा उनके गले में आकर लिपट गया। उन्होंने तत्काल बाइक रोकी और मांझा हटाने का प्रयास किया, लेकिन तब तक गला कट चुका था और खून बहने लगा। हाथ की एक उंगली भी मांझे की चपेट में आकर घायल हो गई।

अस्पताल में भर्ती, एक सप्ताह का बेड रेस्ट
घटना के बाद अधिवक्ता सेठ किसी तरह खुद को संभालते हुए बाइक से ही कबीरचौरा मंडलीय चिकित्सालय पहुंचे। डॉक्टरों ने उन्हें प्राथमिक उपचार दिया और गले में चार टांके लगाए। हाथ की उंगली पर भी पट्टी की गई है। चिकित्सकों ने एक सप्ताह का बेड रेस्ट लिख दिया है।

“मैन्युफैक्चरिंग पर लगे रोक, दुकानदारों को न सताएं”
हादसे से आहत अधिवक्ता सेठ ने कहा, “सरकार केवल छोटे दुकानदारों को परेशान कर रही है, जबकि जरूरत इस बात की है कि चाइनीज मांझे के निर्माण पर रोक लगे। पुलिस को भी सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।”

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पहले भी हो चुके हैं हादसे
चौकाघाट फ्लाईओवर पर यह पहला मामला नहीं है। दिसंबर 2024 में युवक विवेक शर्मा की गला कटने से मौत हो गई थी, जब वह अपनी मां और बहन के साथ नाना की बरसी में जा रहा था। इसके अलावा, सितंबर 2024 में अधिवक्ता जाबाज खान की उंगली मांझे से कट गई थी। उन्होंने गर्दन बचाने के लिए हाथ आगे किया था, जिससे उंगली में गहरा जख्म हो गया था और पांच टांके लगे थे।

सामाजिक संगठनों की मांग, फिर भी जारी है बिक्री
सामाजिक संस्थाएं लंबे समय से चाइनीज मांझे पर प्रतिबंध की मांग करती रही हैं। पुलिस कार्रवाई भी होती है, लेकिन इसके बावजूद यह जानलेवा मांझा बाजार में आसानी से उपलब्ध है और पतंगबाज़ लगातार इसका इस्तेमाल कर रहे हैं।

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