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‘चंद्रयान-4’ को लेकर इसरो ने की बड़ी घोषणा

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नई दिल्ली। इसरो ने हाल ही में एक बड़ी घोषणा की है कि वर्ष 2029 में लॉन्च होने वाला चंद्रयान-4 मिशन चंद्रमा से 2-3 किलोग्राम मिट्टी का सैंपल लेकर वापस आएगा। इस मिशन की अनुमानित लागत 2104 करोड़ रुपये है। पिछले साल चंद्रयान-3 ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूर्वक लैंडिंग करके इतिहास रचा था। उसके बाद 14 चंद्र दिनों तक वह चंद्रमा की सतह पर सक्रिय रहा और उसके द्वारा भेजे गए आंकड़ों के आधार पर कई वैज्ञानिक जांचें की गईं जिनमें से कुछ निष्कर्ष अभी भी सामने आ रहे हैं।

चंद्रयान-4 मिशन में पांच अलग-अलग मॉड्यूल होंगे: एसेंडर मॉड्यूल (एएम), डिसेंडर मॉड्यूल (डीएम), री-एंट्री मॉड्यूल (आरएम), ट्रांसफर मॉड्यूल (टीएम), और प्रपल्शन मॉड्यूल (पीएम)। इन्हें दो अलग-अलग एमवीएम 3 लॉन्च व्हीकल्स में लॉन्च किया जाएगा। इसरो ने बताया है कि चंद्रमा पर लैंडिंग के बाद एक रोबोटिक आर्म (जिसे सरफेस सैंपलिंग रोबोट भी कहा जाता है) चंद्रमा की सतह से मिट्टी के सैंपल इकट्ठा करेगा और उन्हें एएम पर लगे कंटेनर में भरेगा। इन सैंपल्स को पृथ्वी पर वापस लाने के दौरान सुरक्षित रखने के लिए कंटेनरों को सील कर दिया जाएगा। सैंपल संग्रह के हर चरण की निगरानी वीडियो कैमरों के माध्यम से की जाएगी।

इसरो के प्रमुख एस. सोमनाथ ने कहा था कि चंद्रयान-3 ने साबित कर दिया कि अब भारत के लिए चंद्रमा के किसी भी स्थान पर लैंड करना संभव है, और अब अगला कदम चंद्रमा पर जाकर वापस लौटना है। इस प्रक्रिया के लिए कई नई तकनीकों का विकास किया जा रहा है, और चंद्रयान-4 मिशन में नमूना संग्रह जैसी वैज्ञानिक गतिविधियां शामिल होंगी। सोमनाथ ने यह भी कहा कि इस बार जब भारत चंद्रमा पर जाएगा, तो वह वहां से कुछ नया वापस लेकर आएगा जो वैज्ञानिक दृष्टिकोण से बेहद महत्वपूर्ण होगा।

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