गाजीपुर
ग्राम सभा बिजदुरी में श्रीरामलीला समिति का भव्य आयोजन
गाजीपुर। ग्राम सभा बिजदुरी में 1989 में स्थापित श्रीरामलीला संगीत समिति आज भी अपनी समृद्ध परंपरा और सांस्कृतिक विरासत को जीवंत बनाए हुए है। समिति के संस्थापक डी.के. सिंह ‘वामी’ एवं प्रबंधक स्वर्गीय जयप्रकाश सिंह रहे हैं। संस्थापक सदस्यों में बिन्ध्याचल दुबे, उमादेव दुबे, प्रेमशंकर सिंह, दिनेश सिंह, धनंजय आश्रित सिंह तथा दिनेश विश्वमित्र का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। इन सभी के अथक प्रयासों से यह रामलीला 20वीं सदी के उत्तरार्ध से लेकर 21वीं सदी के पूर्वार्ध तक निरंतर मंचित होती आ रही है।
यह रामलीला विजयादशमी के पूर्व एकादशी तिथि से आरंभ होकर दस दिनों तक मंचित की जाती है। आयोजन का मुख्य उद्देश्य सनातन धर्म की गौरवशाली परंपरा को सजीव रखना और ग्रामवासियों में एकता एवं सहयोग की भावना को प्रोत्साहित करना है। आयोजन के दौरान ग्रामीणजन आर्थिक, शारीरिक व भावनात्मक सहयोग से इस परंपरा को आगे बढ़ाते हैं। समिति की ओर से प्रतिदिन लगभग 40 से 50 लोगों के भोजन की व्यवस्था की जाती है।
समिति के सदस्य शिक्षित एवं विभिन्न व्यवसायों से जुड़े हुए हैं—कुछ उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं, तो कुछ निजी व सरकारी सेवाओं में कार्यरत हैं। उल्लेखनीय है कि सभी कलाकार अपने अवकाश में गाँव लौटकर रामलीला में अपनी भूमिकाएँ निभाते हैं, जिससे ग्रामीण संस्कृति के प्रति उनकी आस्था और निष्ठा झलकती है।
वर्ष 2025 की रामलीला का शुभारंभ इस वर्ष बड़े ही हर्षोल्लास के साथ हुआ। उद्घाटन अवसर पर श्रीराम, माता सीता एवं राज्याभिषेक प्रसंग का आकर्षक मंचन किया गया। इस अवसर पर भक्तों में मिष्ठान वितरण किया गया तथा समिति के सदस्यों को अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया गया।
इस वर्ष की रामलीला में मुख्य भूमिकाएँ विनोद कुमार सिंह, सन्तोष सिंह, चन्द्रशेखर सिंह, राहुल सिंह, ललित सिंह, रजित बिंद, विमल रोशन, शिवम चौहान, आदित्य रंजन सिंह, मंगेश प्रजापति, आलोक रंजन सिंह, राज सिंह, अभिषेक सिंह एवं मधुकर सिंह सहित अन्य कलाकारों ने निभाईं। सभी कलाकारों ने अपने उत्कृष्ट अभिनय से दर्शकों को भावविभोर कर दिया।
ग्राम बिजदुरी की यह रामलीला आज भी केवल धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि गाँव की एकता, संस्कृति और सहयोग की अनूठी मिसाल बन चुकी है।
