वाराणसी
ग्रांट थॉर्टन को क्लीन चिट से भड़के बिजलीकर्मी, बनारस समेत पूरे प्रदेश में प्रदर्शन

वाराणसी। प्रदेश के बिजली वितरण निगमों के निजीकरण के विरोध में देशभर के 27 लाख बिजली कर्मचारियों के आह्वान पर गुरुवार को बनारस में भी जबरदस्त प्रदर्शन हुआ। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उत्तर प्रदेश के बैनर तले सैकड़ों बिजलीकर्मियों ने भिखारीपुर स्थित प्रबंध निदेशक कार्यालय पर विरोध सभा आयोजित की। प्रदर्शन सुबह 11 बजे हनुमान मंदिर परिसर से प्रारंभ हुआ, जिसमें कर्मचारियों ने निजीकरण की नीति के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
सभा को संबोधित करते हुए संघर्ष समिति के वक्ताओं ने कहा कि पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगमों के निजीकरण का फैसला जनविरोधी और कर्मचारी विरोधी है। वक्ताओं ने मुख्यमंत्री से अपील की कि वे संघर्ष समिति द्वारा प्रस्तुत प्रेजेंटेशन पर गौर करें और निजीकरण की आवश्यकता पर पुनर्विचार करें। वक्ताओं का कहना था कि यदि विभागीय अधिकारी इतने वर्षों से विभाग संभालने में अक्षम रहे हैं, तो उन्हें जवाबदेह ठहराया जाए।
ग्रांट थॉर्टन को क्लीन चिट देने पर गहरा विरोध
सभा के दौरान वक्ताओं ने ट्रांजैक्शन कंसलटेंट ग्रांट थॉर्टन को क्लीन चिट दिए जाने को घोटाला करार देते हुए बताया कि संस्था ने फर्जी शपथ पत्र दिया था, जिसकी पुष्टि के बावजूद निदेशक वित्त निधि नारंग ने उसे क्लीन चिट दे दी। संघर्ष समिति ने आरोप लगाया कि यह कदम निजी घरानों के साथ मिलीभगत का प्रमाण है, और श्री नारंग को तीसरी बार सेवा विस्तार देना भी इसी दिशा में उठाया गया कदम है।
बिजली घाटे को गुमराह करने वाला आंकड़ा बताया
प्रदर्शनकारियों ने सरकार द्वारा प्रस्तुत घाटे के आंकड़ों को भ्रामक करार देते हुए कहा कि गलत पावर परचेज एग्रीमेंट के चलते उत्तर प्रदेश के वितरण निगमों को सालाना 6761 करोड़ रुपये बिना बिजली खरीदे निजी कंपनियों को चुकाने पड़ रहे हैं। इसके अतिरिक्त महंगी दरों पर बिजली खरीदने से लगभग 10,000 करोड़ का अतिरिक्त बोझ पड़ रहा है। सरकारी विभागों पर 14,400 करोड़, और सब्सिडी के रूप में 22,000 करोड़ का बोझ पहले से मौजूद है। इन तथ्यों के बावजूद निजीकरण को हल बताया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है।
राष्ट्रीय स्तर पर बिजलीकर्मियों ने किया समर्थन
नेशनल कोऑर्डिनेशन कमेटी ऑफ इलेक्ट्रिसिटी इंप्लाइज एंड इंजीनियर्स के आह्वान पर देशभर के सभी प्रांतों के बिजली कर्मचारी, अभियंता व जूनियर इंजीनियरों ने उत्तर प्रदेश के 42 जनपदों में व्यापक प्रदर्शन किया और उत्तर प्रदेश के बिजलीकर्मियों के आंदोलन को समर्थन दिया। भोजनावकाश के दौरान सड़कों पर उतर कर किए गए इस विरोध प्रदर्शन में भारी भागीदारी देखने को मिली।
चेतावनी: उत्पीड़न पर देशव्यापी आंदोलन
बिजली कर्मचारियों ने चेतावनी दी कि यदि उत्तर प्रदेश के कर्मचारियों का उत्पीड़न किया गया, तो पूरे देश के 27 लाख बिजलीकर्मी सड़कों पर उतरकर आंदोलन के लिए बाध्य होंगे, जिसकी पूरी जिम्मेदारी राज्य सरकार की होगी।
सभा की अध्यक्षता ई. नीरज बिंद ने और संचालन अंकुर पाण्डेय ने किया। इस अवसर पर ई. मायाशंकर तिवारी, ई. अनिल शुक्ला, ई. विजय सिंह, ई. अमित श्रीवास्तव, ई. गौतम शर्मा, ई. सतीश चंद बिंद, विजय नारायण हिटलर, चंदन रविन्द्र यादव, उदयभान दुबे, आलोक रंजन, अरुण कुमार सहित अनेक वक्ताओं ने विचार रखे।