गोरखपुर
गीडा के भूमि अधिग्रहण से सहजनवां में हड़कंप, सैकड़ों परिवारों पर मंडराया बेघर होने का संकट
गोरखपुर। उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जनपद अंतर्गत सहजनवां तहसील क्षेत्र से एक गंभीर मामला सामने आया है। यहाँ के मल्हीपुर गांव के निवासियों के माथे पर चिंता की लकीरें खिंच गई हैं। गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (गीडा) द्वारा औद्योगिक विस्तार के लिए प्रस्तावित भूमि अधिग्रहण की योजना ने स्थानीय ग्रामीणों की रातों की नींद उड़ा दी है।
क्या है पूरा मामला?
मिली जानकारी के अनुसार, गीडा प्रशासन द्वारा मल्हीपुर गांव की भूमि को अधिग्रहित करने की प्रक्रिया शुरू की गई है। ग्रामीणों का आरोप है कि इस योजना की चपेट में न केवल उपजाऊ कृषि योग्य भूमि आ रही है, बल्कि लगभग 200 पक्के मकान और एक विद्यालय भी इस जद में हैं। यदि यह अधिग्रहण प्रभावी होता है, तो सैकड़ों परिवार खुले आसमान के नीचे आ जाएंगे।
ग्रामीणों का बढ़ता आक्रोश
इस कार्रवाई के विरोध में बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने तहसील मुख्यालय पहुंचकर जोरदार प्रदर्शन किया। ग्रामीणों का कहना है कि गीडा इससे पहले भी तीन बार गांव की जमीन ले चुका है, जिससे ग्रामीणों के पास अब नाममात्र की भूमि बची है।खेती ही यहाँ के लोगों की आय का एकमात्र साधन है। जमीन जाने के बाद उनके पास जीवनयापन का कोई रास्ता नहीं बचेगा। वहीं, ग्रामीणों ने प्रशासन को चेतावनी दी है कि वे अपने घर और पुरखों की जमीन किसी भी कीमत पर नहीं छोड़ेंगे।
प्रदर्शनकारियों ने अपनी मांगों को लेकर उपजिलाधिकारी (SDM) सहजनवां को एक ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन के माध्यम से ग्रामीणों ने मांग की है कि आबादी वाले क्षेत्रों और विद्यालय को इस अधिग्रहण से मुक्त रखा जाए।
एसडीएम ने ग्रामीणों की समस्याओं को गंभीरता से सुना और उन्हें आश्वस्त किया कि मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रशासन इस बात का ध्यान रखेगा कि किसी भी गरीब का उत्पीड़न न हो और नियमसंगत तरीके से ही आगे की कार्यवाही की जाए।
फिलहाल, गांव में तनाव की स्थिति बनी हुई है। ग्रामीण एकजुट होकर अपनी आवाज बुलंद कर रहे हैं। अब देखना यह होगा कि प्रशासन विकास की रफ्तार और ग्रामीणों के आशियाने के बीच कैसे संतुलन बनाता है।
