गोरखपुर
गजेंद्र मोक्ष और राम जन्म कथा सुन भाव-विभोर हुए श्रद्धालु
गोरखपुर। सरस्वती भवन, जगन्नाथपुर, गोरखपुर में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के चौथे दिवस की कथा का आयोजन आज सम्पन्न हुआ। व्यास पीठ पर विराजमान कथा व्यास गोवत्स स्वामी डॉ. विनय जी ने गजेंद्र मोक्ष प्रसंग का विस्तृत वर्णन करते हुए बताया कि जब तक गजेंद्र को अपने परिवार और अन्य सहायक शक्तियों पर भरोसा रहा, तब तक भगवान उसका साथ नहीं देते। लेकिन जैसे ही वह पूरी तरह निराश होकर प्रभु को पुकारता है, तत्काल भगवान नारायण उसके उद्धार हेतु प्रकट होते हैं और ग्राह का वध कर उसकी रक्षा करते हैं। इसी क्रम में स्वामी जी ने नाभाग पुत्र अंबरीश के चरित्र पर भी प्रकाश डाला।
आगे स्वामी डॉ. विनय जी महाराज ने भगवान श्रीराम के प्राकट्य उत्सव का रसपूर्ण वर्णन किया। उन्होंने कहा कि प्रभु के जन्म लेते ही समस्त ब्रह्मांड में आनंद और उल्लास फैल गया। स्वामी जी ने भगवान श्रीराम के आदर्शों पर विस्तार से चर्चा की और बताया कि इन्हीं आदर्शों के कारण उन्हें ‘मर्यादा पुरुषोत्तम’ के नाम से जाना जाता है। तत्पश्चात उन्होंने वासुदेव-देवकी विवाह तथा कंस के उग्रसेन के महल में आगमन का प्रसंग भी श्रौतागणों को श्रवण कराया।
कथा के समापन पर श्रीभागवत भगवान की आरती की गई। आज के मुख्य यजमान लोकप्रिय पत्रकार सुजीत पांडे अपने परिवार सहित उपस्थित रहे। कथा के उपरांत प्रसाद वितरण किया गया और अगले दिन तक के लिए विश्राम दिया गया। कथा प्रतिदिन सायं 4:00 बजे से 7:00 बजे तक चलती है। स्वामी जी ने कहा कि अत्यंत सौभाग्यशाली लोग ही कथा श्रवण का अवसर पाते हैं।
आज की कथा में प्रमुख रूप से स्नेहा शर्मा, रुक्मणी पांडे एडवोकेट, उषा मिश्रा, पिंटू, शुभकरण शर्मा, राघवेंद्र श्रीवास्तव, सोनू मिश्रा, विनय कुमार दुबे और नवीन कुमार पांडे उपस्थित रहे। परायण पाठ का संचालन पंडित जय प्रकाश मिश्रा जी ने किया।
