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वाराणसी

गंगा जलमार्ग को नई पहचान देगा रामनगर का शिप रिपेयरिंग प्रोजेक्ट

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प्रधानमंत्री मोदी ने रखी वर्चुअल आधारशिला

वाराणसी। जिले के रामनगर बंदरगाह पर जल्द ही जहाजों की मरम्मत का काम शुरू हो सकेगा। आत्मनिर्भर भारत की दिशा में यह पहल ऐतिहासिक मानी जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को गुजरात के जामनगर में आयोजित एक कार्यक्रम में वाराणसी स्थित रामनगर बंदरगाह के विकास के लिए शिप रिपेयरिंग सेंटर, लॉजिस्टिक पार्क और फ्रेट विलेज का वर्चुअल शिलान्यास किया। इसके तहत बंदरगाह पर चार ड्राई-डॉक्स बनाए जाएंगे। इस अवसर पर वाराणसी में प्रधानमंत्री के कार्यक्रम का सीधा प्रसारण एलईडी स्क्रीन पर दिखाया गया।

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि वाराणसी में बनने वाला शिप रिपेयरिंग सेंटर गंगा जलमार्ग को नई पहचान देगा। यह सुविधा पूर्वांचल और पूरे उत्तर भारत की जल परिवहन क्षमता को बढ़ाने के साथ ही स्थानीय युवाओं के लिए नए अवसरों का मार्ग प्रशस्त करेगी।

परिवहन मंत्री दया शंकर सिंह ने बताया कि देशभर में 111 नदियों को जोड़ा गया है, जिनमें उत्तर प्रदेश की सबसे बड़ी नदी गंगा भी शामिल है। गंगा को हल्दिया तक जोड़ा गया है। हल्दिया से पटना, कोलकाता और काशी तक चलने वाले मालवाहक जहाज प्रदूषण मुक्त होंगे। खास बात यह है कि इस माध्यम से परिवहन की लागत सड़क या रेल मार्ग की तुलना में लगभग आधी होगी।

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राज्यसभा सांसद साधना सिंह ने कहा कि यह परियोजना केवल वाराणसी और उत्तर प्रदेश ही नहीं, बल्कि पूरे उत्तर भारत की जल परिवहन प्रणाली को गति देने वाली होगी।

आईडब्ल्यूएआई के प्रभारी संजीव कुमार ने बताया कि इस परियोजना से जहाजों को समुद्री बंदरगाहों तक ले जाने की आवश्यकता समाप्त हो जाएगी। मौके पर मंडलायुक्त एस. राजलिंगम और ए.के. उपाध्याय भी उपस्थित रहे।

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