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वाराणसी

गंगा का जलस्तर बढ़ा, तीसरी बार चेतावनी बिंदु पार

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वरुणा नदी में पलट प्रवाह, कई घरों तक पहुंचा बाढ़ का पानी

वाराणसी में गंगा का जलस्तर तेज़ी से बढ़ रहा है और इस सीजन में तीसरी बार चेतावनी बिंदु पार कर गया है। केंद्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक मात्र 36 घंटे में जलस्तर में 1.03 मीटर की बढ़ोतरी दर्ज हुई; रविवार की रात आठ बजे तक जलस्तर 69.93 मीटर रिकॉर्ड किया गया था। सोमवार को (70.26 मीटर से ऊपर) तक जलस्तर में लगभग 0.33 मीटर (33 सेंटीमीटर) की और बढ़ोतरी हुई। जबकि खतरे का निशान 71.26 मीटर है। सिंचाई विभाग के आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2019 में गंगा का जलस्तर 72.32 मीटर तक गया था, जबकि 2021 व 2022 के अगस्त-सितंबर के बीच भी बाढ़ का पानी चढ़ता-उतरता रहा।

गंगा के उफान के कारण वरुणा नदी में पलट प्रवाह शुरू हो चुका है और पुलकोहना से नक्खी घाट के बीच कई मकान पानी से घिर गए हैं। तटवर्ती इलाकों में नक्खी घाट, तालिमनगर, पुल कोहना, तिनपुलिया, सक्कर तालाब, बघवानाला और मौजाहाल जैसे क्षेत्रों में पानी घुसने के आसार बन रहे हैं।

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वरुणा का पानी वरुणा कॉरिडोर तक पहुंच चुका है और स्थानीय लोग अपने-अपने घर छोड़ने के लिए मजबूर हुए हैं। हरिश्चंद्र घाट पर शवदाह गली और मणिकर्णिकाघाट पूरी तरह डूब चुके हैं, जिसके कारण अंतिम संस्कार अधिकांशतः छतों पर किए जा रहे हैं और मणिकर्णिका पर एक साथ केवल 12 चिताएँ ही जल रही हैं।

यमुना नदी के उफान का असर प्रयागराज से काशी तक दिख रहा है क्योंकि यमुना प्रयागराज में गंगा से मिलती है। अगले 24 घंटे के भीतर भी जलस्तर बढ़ने का अनुमान जताया गया है, जिससे तटवर्ती क्षेत्रों में सतर्कता जरूरी बनी हुई है।

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