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वाराणसी

ख्याति प्राप्त हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. उत्पल शर्मा अब डीडीयू में देंगे अपनी सेवा

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निजी क्षेत्र के अन्य विशेषज्ञ चिकित्सक भी सार्वजनिक क्षेत्र में अपनी सेवाएं देने के लिए आगे आयें-सीडीओ

रिपोर्ट – प्रदीप कुमार

वाराणसी। नेशनल प्रोग्राम फॉर प्रीवेंशन एंड कंट्रोल आफ नॉन कम्युनिकेबल डिजीज गैर संचारी रोग के तहत स्टेमी केयर कार्यक्रम में निजी क्षेत्र के चिकित्सक भी अपनी सेवाएं देने के लिए स्वास्थ्य विभाग से जुड़ने लगे हैं । शनिवार को पंडित दीनदयाल उपाध्याय राजकीय चिकित्सालय पांडेपुर वाराणसी में जनपद के ख्याति प्राप्त हृदय रोग विशेषज्ञ डीएम कार्डियोलॉजी डॉ उत्पल शर्मा ने अपनी सेवाएं देने के लिए सहमति दे दी है। उनकी ओर से अब ओपीडी की सेवाएं दी जाएंगी। शनिवार को मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु नागपाल, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संदीप चौधरी मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ आर के सिंह की उपस्थिति में डीडीयू चिकित्सालय के कक्ष संख्या 219 में उन्होंने ओपीडी की सेवा देने का शुभारंभ किया। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु नागपाल ने कहा कि गैर संचारी रोगों में हृदय रोग से मरने वाले रोगियों की संख्या अत्यधिक है इसको देखते हुए निजी क्षेत्र के चिकित्सकों का जन सामान्य को सेवाएं देने का यह प्रयास बहुत ही सराहनीय है हम आशा करते हैं अन्य निजी क्षेत्र के विशेषज्ञ चिकित्सक भी सार्वजनिक क्षेत्र में अपनी सेवाएं देने के लिए आगे आएंगे।
सीएमओ डॉक्टर संदीप चौधरी ने कहां की ह्रदय रोग के संबंध में समय से जानकारी प्राप्त कर तथा समय पर इलाज कराकर व्यक्ति अपनी जान बचा सकता है । इस अवसर पर उन्होंने बताया कि दिल के तीन हिस्से होते हैं- आर्टरीज जो ब्लड सप्लाई करती हैं, हार्ट मसल्स जो दिल की पंपिंग को जारी रखती हैं और इलेक्ट्रिकल सर्किट जिससे दिल धड़कता है। जब ये मांसपेशियां ठीक से पंप नहीं करतीं तो खून आगे बढ़ने के बजाय कहीं फंस जाता है या फेफड़ों में रीफ्लक्स हो जाता है, जब ऐसा होता है तो मरीज की सांस फूलती है, थकान महसूस होती है, चलना या काम करना नामुमकिन हो जाता है- इसे हार्ट फेल होना कहते हैं। जब आर्टरीज में ब्लॉकेज हो और हार्ट मसल को सप्लाई कम हो जाए तो शुरू में उसे एंजीना कहते हैं, पूरी तरह ब्लॉकेज को हार्ट अटैक कहते हैं। जब दिल के करेंट ठीक से काम नहीं कर रहे हों तो उन्हें पैलपिलेशंस माना जाता है। अगर ये करेंट अचानक से बढ़ जाए तो दिल काफी तेजी से कांपने लगता है, मरीज गिर सकता है – इसे सडेन कार्डियक अरेस्ट कहते हैं। उन्होंने कहा कि हार्ट फेल होने के शुरुआती लक्षणों में सांस लेने में विजिबल परेशानी, थकान और पैरों में सूजन शामिल है। एंजीना या हार्ट अटैक की सूरत में मरीज को चेस्ट में तेज दर्द उठता है। मूवमेंट पर शॉर्टनेस और ब्रेथ और आराम पर राहत भी एंजीना का लक्षण है।
मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ आरके सिंह ने बताया कि डॉ उत्पल शर्मा द्वारा प्रत्येक सप्ताह में शनिवार को कक्ष संख्या 219 में ओपीडी के समय में 2 घंटे सेवाएं प्रदान की जाएंगी । इस अवसर पर डॉ प्रेम प्रकाश ,डॉ निकुंज वर्मा डॉअतुल सिंह सहित अन्य चिकित्सक उपस्थित रहे।

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