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आजमगढ़

खाद्य सुरक्षा सलाहकार समिति की बैठक सम्पन्न

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आजमगढ़। जिलाधिकारी रवीन्द्र कुमार (द्वितीय) की अध्यक्षता में खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग की जनपद स्तरीय खाद्य सुरक्षा सलाहकार समिति की बैठक सम्पन्न हुई। बैठक की शुरुआत अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) और सहायक आयुक्त (खाद्य), आजमगढ़ मंडल की उपस्थिति में हुई। प्रारंभ में जिलाधिकारी ने सभी प्रतिभागियों से परिचय प्राप्त किया और फिर अभिहित अधिकारी, आजमगढ़ को विभाग द्वारा तैयार की गई रणनीति और अब तक की गई कार्रवाई से सभी को अवगत कराने का निर्देश दिया।

अभिहित अधिकारी सुशील कुमार मिश्र ने बताया कि शासन के निर्देशानुसार विगत वर्ष खाद्य सुरक्षा अधिकारियों द्वारा 665 नमूनों का संग्रह किया गया, जिनमें से जांच में 63 प्रतिशत नमूने फेल पाए गए। उन्होंने बताया कि मिलावट करने वाले 306 खाद्य कारोबारकर्ताओं पर कुल 98,29,000 रुपये का अर्थदंड लगाया गया और 2 कारोबारकर्ताओं को न्यायालय से कारावास की सजा दिलाई गई। इस पर जिलाधिकारी ने संतोष व्यक्त किया।

अभिहित अधिकारी ने यह भी बताया कि ‘ईट राइट इंडिया’ इनिशिएटिव के अंतर्गत 76 कारोबारियों को 3 से 5 स्टार हाईजीन रेटिंग दिलाई गई, जिसकी ऑडिट बाहरी एजेंसियों द्वारा की गई थी। इसके अतिरिक्त, 254 खाद्य कारोबारकर्ताओं को खाद्य सुरक्षा विषय पर निःशुल्क प्रशिक्षित कर फॉस्टैक प्रमाण पत्र प्रदान किया गया।

जिलाधिकारी ने इस कार्य की सराहना करते हुए विभाग को निर्देश दिया कि जागरूकता पर विशेष ध्यान दिया जाए और आवश्यकता अनुसार प्रवर्तन कार्यवाही की जाए। उन्होंने लाइसेंस और पंजीकरण के लक्ष्यों की प्राप्ति पर प्रसन्नता व्यक्त की।जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि जहां कहीं भी पका हुआ भोजन परोसा जा रहा है, जैसे स्कूल, आंगनबाड़ी केंद्र व कैंटीन, वहां नियमित जांच की जाए।

साथ ही बेसिक शिक्षा विभाग, पंचायत राज और जिला कार्यक्रम विभाग के सहयोग से ग्राम प्रधान, स्कूल प्रधानाचार्य, आंगनबाड़ी संचालक और रसोइयों को ब्लॉक स्तर पर एकत्र कर खाद्य सुरक्षा विषय पर जागरूकता कार्यक्रम चलाया जाए। उन्होंने जिला अस्पताल और विद्यालयों में परोसे जा रहे भोजन की गुणवत्ता की सतत निगरानी के भी निर्देश दिए। जिन वादों में साक्ष्य की कार्यवाही पूरी हो चुकी है, उनमें अभियोजन विभाग से समन्वय कर शीघ्र निस्तारण कराने का निर्देश भी दिया गया।

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जिलाधिकारी ने विशेष बल देते हुए कहा कि अंतर्विभागीय समन्वय स्थापित कर सभी विभागों के हितों का ध्यान रखते हुए खाद्य सुरक्षा के लक्ष्यों को प्राप्त किया जाए और खराब छवि वाले प्रतिष्ठानों को चिन्हित कर प्रवर्तन कार्यवाही की जाए।औषधि निरीक्षक सीमा वर्मा ने बैठक में विभाग द्वारा की गई कार्रवाई की जानकारी दी, जिस पर जिलाधिकारी ने संतोष व्यक्त किया।

औषधि निरीक्षक ने बताया कि औषधि निर्माण इकाइयों का निरीक्षण कर आवश्यक सुधार हेतु निर्देश दिए गए हैं और नशीली औषधियों के दुरुपयोग की रोकथाम हेतु सतत निगरानी की जा रही है। इसके साथ ही अनधिकृत प्रयोग और विक्रय पर प्रवर्तन कार्यवाही की जा रही है।

जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि तीन प्रमुख बिंदुओं पर विशेष ध्यान दिया जाए: प्रतिबंधित व अधोमानक औषधियों का विक्रय न हो, एमआरपी से अधिक मूल्य पर औषधि न बेची जाए, और कालातीत औषधियों का विक्रय पूरी तरह रोका जाए।

इस बैठक में पंचायती राज अधिकारी, उपायुक्त राज्य कर (GST), मंडी निरीक्षक, जिला विद्यालय निरीक्षक, बाट व माप विभाग, खाद्य विपणन अधिकारी, अधिशासी अधिकारी, आबकारी अधिकारी, सूचना अधिकारी, मत्स्य अधिकारी, नगर पालिका अधिशाषी अधिकारी, दुग्ध विकास अधिकारी, खाद्य व्यापार मंडल और औषधि संघ के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी दीपक कुमार श्रीवास्तव तथा खाद्य सुरक्षा अधिकारी रजनीश कुमार, गोविन्द यादव, संजय कुमार तिवारी, सुचित प्रसाद, लालमणि यादव, शीत कुमार सिंह, अमर नाथ, बेबी सोनम और कीर्ति आनंद भी बैठक में सम्मिलित हुए।बैठक का समापन अध्यक्ष को धन्यवाद ज्ञापित कर किया गया।

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