गोरखपुर
खजनी तहसील में अलाव व्यवस्था की खुली पोल, ठंड में ठिठुरने को मजबूर लोग
गोरखपुर। जनपद की खजनी तहसील क्षेत्र में कड़ाके की ठंड के बीच प्रशासन द्वारा की जाने वाली अलाव व्यवस्था की हकीकत सामने आ गई है। सर्दी से बचाव के लिए हर वर्ष प्रमुख चौराहों, तिराहों और सार्वजनिक स्थानों पर अलाव जलाने के दावे किए जाते हैं, लेकिन जमीनी हकीकत इन दावों से बिल्कुल उलट दिखाई दे रही है।
तहसील मुख्यालय सहित आसपास के बाजारों, बस अड्डों और भीड़भाड़ वाले इलाकों में अलाव की व्यवस्था या तो पूरी तरह नदारद है या केवल कागजों तक सीमित नजर आ रही है। ठंड के चलते सबसे अधिक परेशानी गरीब, मजदूर, रेहड़ी-पटरी लगाने वाले, बुजुर्गों और राहगीरों को उठानी पड़ रही है। सुबह और रात के समय ठंड बढ़ने पर लोग इधर-उधर आग जलाकर या कपड़ों में खुद को समेटकर ठंड से बचने की कोशिश करते दिख रहे हैं।
स्थानीय लोगों का कहना है कि हर साल सर्दी शुरू होते ही अलाव के नाम पर औपचारिकताएं पूरी कर ली जाती हैं, लेकिन वास्तविक रूप से जरूरतमंदों तक इसका लाभ नहीं पहुंच पाता। कई स्थानों पर जहां अलाव जलना चाहिए, वहां न तो लकड़ी दिख रही है और न ही कोई जिम्मेदार अधिकारी निरीक्षण करते नजर आ रहे हैं।
क्षेत्रवासियों ने प्रशासन से मांग की है कि सर्दी को देखते हुए तत्काल प्रभाव से सभी प्रमुख स्थानों पर नियमित रूप से अलाव की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए, ताकि गरीब और असहाय लोगों को ठंड से राहत मिल सके। साथ ही अलाव व्यवस्था में लापरवाही बरतने वालों पर कार्रवाई की जाए, जिससे भविष्य में ऐसी स्थिति दोबारा न उत्पन्न हो।
