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बलिया

कृषि विज्ञान केंद्र सोहाव में केंचुआ खाद पर पांच दिवसीय रोजगारपरक प्रशिक्षण का समापन

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बलिया। आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, कुमारगंज अयोध्या के अधीन संचालित कृषि विज्ञान केंद्र, सोहाव में केंचुआ खाद उत्पादन तकनीकी एवं विपणन पर आधारित पांच दिवसीय रोजगारपरक प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन हुआ। समापन अवसर पर वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ. संजीत कुमार ने किसानों का स्वागत करते हुए बताया कि केंचुआ पारंपरिक रूप से किसानों का मित्र रहा है।

यह खेतों में मौजूद सड़े-गले कार्बनिक पदार्थों को खाकर उत्तम गुणवत्ता की खाद तैयार करता है, जिससे मृदा में जीवाणु, कवक, प्रोटोजोआ और एक्टिनोमाइसेटीज़ जैसे सूक्ष्मजीवों की वृद्धि होती है।डॉ. संजीत ने बताया कि 25-30 साल पहले तक खेतों में केंचुए प्रचुर मात्रा में पाए जाते थे, लेकिन अब उनकी संख्या घटकर बागों और जंगलों तक सीमित रह गई है।

मिट्टी में इनकी संख्या घटने के कारण भूमि की उर्वरता भी प्रभावित हो रही है। इसलिए टिकाऊ खेती की दिशा में फिर से केंचुए को खेती से जोड़ने की जरूरत है।प्रशिक्षण के समन्वयक डॉ. अनिल कुमार पाल ने कहा कि केंचुआ गोबर और कूड़े-कचरे को पोषक खाद में बदलने की क्षमता रखता है, जिससे रासायनिक उर्वरकों की निर्भरता घटाई जा सकती है।

इससे न सिर्फ उत्पादन में बढ़ोतरी संभव है, बल्कि भूमि की उर्वरता भी बनी रहती है और भूजल स्तर में सुधार होता है।कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डॉ. अवधेश कुमार ने केंचुआ खाद निर्माण की तकनीकी जानकारी देते हुए कहा कि इसके लिए उपयुक्त स्थान का चयन जरूरी है, साथ ही ऐसी केंचुआ प्रजाति चुननी चाहिए जो अधिक मात्रा में कार्बनिक पदार्थों का सेवन कर सके।

उन्होंने कहा कि गोबर, हरे पदार्थ और पत्तियों जैसे अपशिष्टों का चयन और उचित भंडारण जरूरी है। तैयार खाद को संरक्षित रखने के लिए छायादार शेड की भी आवश्यकता होती है, क्योंकि नमी की कमी खाद की गुणवत्ता पर असर डालती है।

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कीट वैज्ञानिक डॉ. अभिषेक कुमार यादव ने बताया कि केंचुए के कई प्राकृतिक शत्रु होते हैं जैसे – मछली पकड़ने वाले लोग, मेंढक, छिपकली, चिड़िया, दीमक और लाल चींटी। इनसे केंचुए की सुरक्षा करना आवश्यक है।

कार्यक्रम के अंत में डॉ. सोमेन्द्र नाथ ने सभी प्रतिभागी किसानों का आभार जताया। इस अवसर पर केंद्र के कर्मचारी अमित कुमार तिवारी, सतीश कुमार सिंह यादव, राकेश कुमार सिंह, रामतौल और सुशीला भी उपस्थित रहे।

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