वाराणसी
काशी विद्यापीठ ब्लॉक में लगी आग से सरकारी अभिलेख और सामान खाक, फायर ब्रिगेड पर भड़के कर्मचारी

वाराणसी। काशी विद्यापीठ ब्लॉक मुख्यालय परिसर के स्टोर रूम में गुरुवार को उस समय अफरा-तफरी मच गई जब अचानक आग लग गई। आग इतनी विकराल थी कि दो कूलर, दो मोटरसाइकिल, तीन लोहे के बक्से, फर्नीचर समेत कई महत्वपूर्ण सरकारी अभिलेख और अन्य सामान चंद मिनटों में जलकर खाक हो गए।
स्थानीय लोगों और ब्लॉक कर्मचारियों ने बताया कि आग लगने की सूचना मिलते ही मंडुवाडीह पुलिस और फायर ब्रिगेड को तत्काल जानकारी दी गई, लेकिन फायर ब्रिगेड की टीम लगभग 45 मिनट बाद मौके पर पहुंची। तब तक आग ने पूरे स्टोर रूम को अपनी चपेट में ले लिया था। इस दौरान ब्लॉक कर्मी और स्थानीय लोग अपनी जान जोखिम में डालकर बाल्टी और पाइप से आग बुझाने की कोशिश करते रहे।
तेज हवा ने बढ़ाई आग की तीव्रता
प्रत्यक्षदर्शियों ने आशंका जताई कि ब्लॉक परिसर की चहारदीवारी से सटी खाली जमीन पर नगर निगम द्वारा डाले गए कूड़े में किसी ने आग लगा दी थी। तेज हवाओं के कारण वह आग फैलते हुए स्टोर रूम तक पहुंच गई और वहां रखे सामान ने तुरंत आग पकड़ ली।
बड़ा हादसा होते-होते टला
ब्लॉक कार्यालय के कर्मचारियों ने बताया कि स्टोर रूम के बगल में एक चार पहिया वाहन गैरेज में खड़ा था। वहीं कुछ ही दूरी पर सीडीपीओ कार्यालय है, जहां बच्चों के लिए पोषाहार का भंडारण किया गया है। यदि आग थोड़ी और फैलती तो बड़ा हादसा हो सकता था।
फायर ब्रिगेड की देरी पर फूटा गुस्सा
घटना के बाद ब्लॉक अधिकारी और कर्मचारी फायर ब्रिगेड की देरी पर खासे नाराज नजर आए। उनका कहना था कि यदि दमकल की टीम समय पर पहुंचती तो नुकसान को काफी हद तक रोका जा सकता था।
क्षति का आकलन जारी, रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेजी गई
ब्लॉक विकास अधिकारी (बीडीओ) राजेश यादव ने बताया कि घटनास्थल का निरीक्षण कर क्षति का आकलन किया गया है। इसकी रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेज दी गई है। साथ ही मंडुवाडीह थाने में घटना की तहरीर भी दी गई है ताकि मामले की जांच की जा सके।
सवालों के घेरे में नगर निगम और अग्निशमन विभाग
इस हादसे ने नगर निगम की कूड़ा प्रबंधन प्रणाली और अग्निशमन विभाग की तत्परता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। यदि समय रहते दोनों विभाग सतर्क होते तो न केवल सरकारी संपत्ति की हानि रोकी जा सकती थी, बल्कि जान-माल के बड़े नुकसान की आशंका भी टल सकती थी।