वाराणसी
कल्लीपुर में ग्रामीण युवाओं को सिखाया जा रहा मशरूम उत्पादन के गुर
मिर्जामुराद (वाराणसी)। कृषि विज्ञान केंद्र, कल्लीपुर में “ढींगरा मशरूम” की उत्पादन विधि पर व्यवसायिक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में ढींगरा मशरूम की तकनीकी जानकारी के साथ-साथ व्यावहारिक प्रशिक्षण भी दिया गया। कृषि विज्ञान केंद्र के प्रभारी अधिकारी, डॉ. नवीन कुमार सिंह ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में पोषण और रोजगार के दृष्टिकोण से मशरूम की खेती एक उत्तम व्यवसाय हो सकती है।
प्रशिक्षण समन्वयक, डॉ. राहुल सिंह ने किसानों को बताया कि ढींगरा मशरूम को अक्टूबर से अप्रैल के बीच 16 से 30 डिग्री सेल्सियस तापमान पर उगाया जा सकता है। इसकी खेती के लिए 10 किलोग्राम धान या गेहूं के भूसे को 100 लीटर पानी में भिगोकर, उसमें कार्बेंडाजिम और फार्मालिन का मिश्रण मिलाया जाता है। भूसे को 12 से 24 घंटे भिगोने के बाद छानकर छाया में सुखाया जाता है। इसके बाद, भूसे को स्पॉन (बीज) के साथ मिलाकर पॉलिथीन में पैक किया जाता है। 30-35 दिनों में मशरूम तोड़ाई के लिए तैयार हो जाता है।
शस्य वैज्ञानिक डॉ. अमितेश सिंह ने फसल अवशेष प्रबंधन पर जानकारी दी, जिसमें पुआल का उपयोग कर मशरूम की खेती करने का सुझाव दिया। उद्यान वैज्ञानिक डॉ. मनीष पांडेय ने आयस्टर मशरूम से बने बायोप्रोडक्ट और बेकरी उत्पादों के महत्व को विस्तार से समझाया। इस कार्यक्रम में कई किसान, छात्र और केंद्र के प्रबंधक भी उपस्थित थे।