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अपराध

एक लाख की रिश्वत लेते बाबू गिरफ्तार

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पीएफ निकालने के लिए मांगी 1 लाख रुपये की रिश्‍वत

अयोध्‍या। खंड शिक्षा अधिकारी (BSA) कार्यालय मसौधा में तैनात सहायक लेखाकार को रिश्‍वत लेना महंगा पड़ गया। शुक्रवार को विजिलेंस टीम ने सहायक लेखाकर अमरेंद्र प्रताप सिंह को 1 लाख की रिश्‍वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। यह रिश्‍वत उसने मृतक शिक्षिका का जीपीएफ निकालने के उनके परिजनों से मांगी थी। सहायक लेखाकार को बेसिक शिक्षक कार्यालय गेट के पास से ही गिरफ्तार किया गया। इस कार्रवाई से पूरे जिले में हड़कंप का माहौल बना रहा।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, मसौधा के भदोखर प्राथमिक विद्यालय में तैनात प्रधानाध्यापिका यासमीन फातिमा ने GPF से पैसा निकालने के लिए आवेदन किया था। नौकरी की दौरान ही प्रधानाध्यापिका यासमीन फातिमा का निधन हो गया था।

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उन्होंने पति इरफानुल हक को जीपीएफ अकाउंट में नॉमिनी बनाया था। जीपीएफ का पैसा निकालने के लिए सहायक लेखाकार अमरेंद्र प्रताप सिंह ने एक लाख रुपए मांगी थी। जिसकी सूचना उन्होंने विजिलेंस को दिया था। यासमीन फातिमा शहर के हसनू कटरा की रहने वाली थी।

शिकायतकर्ता मोहम्मद इरफानुल हक को सहायक लेखाकार ने बीएसए कार्यालय के पास पैसा लेकर बुलाया। बीएसए कार्यालय पहुंचने के बाद आरोपी अमरेन्द्र प्रताप सिंह ने उससे सम्पर्क किया। जहां विजलेंस टीम द्वारा एक लाख की रिश्वत लेते हुए उसे रंगे हाथ गिरफ्तार किया। रिश्वत लेते ही जब बाबू रंगे हाथ पकड़ा गया तो वह एकदम से सकपका गया।

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