वाराणसी
उदयपुर की घटना को लेकर विशाल संस्थान द्वारा किया प्रदर्शन
रिपोर्ट : मनोकामना सिंह
वाराणसी। इस्लाम के नाम पर पूरी दुनियां में हिंसा फैलाने वाले आतंकवादी संगठनों के खिलाफ सामाजिक संस्थाओं में भी बहुत आक्रोश है। आतंकवादी संगठनों के खिलाफ किसी मुस्लिम धर्मगुरु और उनकी संस्था ने आज तक कोई फतवा न जारी किया और न ही उनके खिलाफ खड़े हुए। इनकी चुप्पी इस्लामी आतंकवादियों के हौसले बुलन्द करते रहे। कभी इन्होंने अलकायदा, जैश–ए–मुहम्मद, लश्कर–ए–तैयबा और दावत–ए–इस्लामी के खिलाफ कुछ नहीं कहा, जबकि इस्लाम के नाम पर आतंकवादी संगठन चला रहे हैं और मुहम्मद साहब का नाम बदनाम कर रहे हैं। कट्टरपंथी मौलानाओं ने हिन्दुस्तान के खिलाफ जंग छेड़ दी है। ये भारत को इस्लामी देश बनाना चाहते हैं। इनकी मिशनरी योजना है, ये हत्याओं से सभ्य भारतीय मुसलमानों और हिन्दुओं को डराना चाहते हैं। उदयपुर में एक गरीब दर्जी कन्हैया लाल की गला काटकर लोमहर्षक हत्या इस्लामी आतंकवाद का क्रूरतम चेहरा है। इस घटना से नाराज सामाजिक संगठनों ने आतंकवादी संगठनों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया।
लमही के सुभाष मंदिर में मुस्लिम महिला फाउण्डेशन, विशाल भारत संस्थान और मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के शीर्ष नेताओं ने विशाल भारत संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ० राजीव गुरूजी के नेतृत्व में धरने पर बैठकर क्रूर आतंकवादी संगठनों के खिलाफ अपना आक्रोश व्यक्त किया। मुस्लिम महिला फाउण्डेशन की नेशनल सदर नाज़नीन अंसारी, सुभाषवादी नेता नजमा परवीन, मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के पूर्वांचल संयोजक मो० अजहरुद्दीन, काशी प्रांत संयोजक मौलाना शफीक अहमद मुजद्दीदी, विशाल भारत संस्थान की राष्ट्रीय महासचिव अर्चना भारतवंशी ने आतंकवादी संगठनों के खिलाफ मौन चीत्कार धरना दिया।
हाथों में तख्तियां लेकर धरने पर बैठे सामाजिक संगठनों के नेताओं ने एक स्वर में उदयपुर में कन्हैया लाल की हत्या करने वालों और उनके ज्ञात अज्ञात समर्थकों और सहानभूति रखने वालों को सख्त से सख्त सजा देने की मांग की। तख्ती पर लिखा था– कन्हैया लाल हम तुम्हारी हत्या भूल नही पाएंगे, आतंकवादियों तुम्हारी कब्र खुदेगी हिन्दुस्तान की धरती पर।
इस अवसर पर नाज़नीन अंसारी ने कहा कि जिन्होंने नारा लगाया था कि सर तन से जुदा, उनके ही नारों का प्रभाव है उदयपुर में दो आतंकियों द्वारा कन्हैया लाल की गला और हाथ काटकर घृणित हत्या। आतंकवादी संगठनों के खिलाफ अब चुप नही बैठेंगे। ये दुनिया के दुश्मन हैं, इन्होंने इस्लाम के रसूल के नाम पर गला काटा है इनको दोजख में भी जगह नहीं मिलेगी। दोनों हत्यारों को फांसी की सजा हो और इनकी लाशों को समुद्र में बहा दिया जाए। भारत की धरती पर इनको दफन के लिए भी जमीन नहीं दी जाए। इनके पीछे जितने भी लोग हैं सभी को आतंकवाद कानून के तहत गिरफ्तार कर जेल भेजा जाए। बनारस में भी धर्म के नाम पर हिंसा करने की धमकी दी गयी है, सामाजिक नेताओं को सुरक्षा दी जाए जो आतंकवादी संगठनों के खिलाफ लड़ रहे हैं। इन आतंकियों के खिलाफ खुलकर सामने आना होगा। ये जान से मार दें, लेकिन हम चुप नहीं बैठेंगे।
सुभाषवादी नेता नजमा परवीन ने कहा कि हिन्दुस्तान के खिलाफ जहर उगलने वाले गद्दारों के दिल में ठंढक पहुंच गयी होगी कि उनके उकसाने पर आतंकियों ने गला काट दिया। पाकिस्तान को नेस्तनाबूद करने का वक्त आ चुका है। आतंकवादी संगठनों, पाकिस्तान या आतंकियों के समर्थन में बोलने और मदद करने वालों को फांसी के तख्ते तक पहुंचाओं। धर्म के नाम पर होने वाली हिंसा, दंगा को आतंकवादी हमला मानकर कानूनी कार्यवाई करें। देश में तालिबानी सोच को सफल नहीं होने देंगे। इन लोगों के खिलाफ दुनियां भर की सरकारों को अब सतर्क हो जाना चाहिए।
विशाल भारत संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ० राजीव गुरू ने कहा कि उदयपुर में इस्लामी आतंकियों द्वारा गला और हाथ काटकर खुशी मनाना मानवता के खिलाफ युद्ध है। हम भारत को तालिबान नहीं बनने देंगे। अपने देश को इन आतंकियों से बचाने की लड़ाई लड़ेंगे। आतंकियों और इस्लामी कट्टरपंथियों के खिलाफ लड़ने वाली नाज़नीन अंसारी, नजमा परवीन, मो० अजहरुद्दीन एवं महंत बालक दास जी को सुरक्षा दी जाए। आतंकवादियों के खिलाफ लम्बे समय से लड़ रहे विशाल भारत संस्थान और मुस्लिम महिला फाउण्डेशन के मुख्यालय सुभाष भवन की सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम किया जाए।
मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के पूर्वांचल संयोजक मो० अजहरुद्दीन ने कहा कि उदयपुर की घटना ने सभ्य समाज को झकझोर दिया है, जो लोग रसूल के नाम पर हत्या किये हैं उनको सिर्फ मौत की सजा कानून दे। इनके साथ कोई रियायत नहीं होनी चाहिए। इनकी नागरिकता खत्म किया जाए।
मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के काशी प्रान्त के संयोजक मौलाना शफीक अहमद मुजद्दीदी ने कहा कि मो० साहब के नाम पर कन्हैया लाल की हत्या कर दी गयी। इस्लाम इस बात की इजाजत नहीं देता है। खुद मोहम्मद साहब फर्माते हैं कि एक इंसान का कत्ल पूरी इंसानियत का कत्ल है। आज के दौर में तालिबानी मानसिकता से प्रेरित होकर पाकिस्तान से जिन्हें समर्थन है उन्होंने इस्लाम और मुसलमान को बदनाम करने का काम कर रहे है। भारत सरकार दोनों हत्यारों को जल्द से जल्द फांसी की सजा दे और मरने के बाद भारत की जमीन पर दफन न होने दिया जाये। उन लोगों को जला दिया जाये या समुद्र में फेंक दिया जाये। ये पैगाम जाना चाहिए कि सभी सुन्नी मुसलमान कन्हैया लाल के परिवार के साथ खड़ा है। जब भी जरूरत पड़ेगी सुन्नी मुसलमान भारत के साथ खड़ा है।
सांकेतिक धरने और अनशन पर बैठने वालों में अर्चना भारतवंशी, नजमा परवीन, नाजनीन अंसारी, मो० अजहरूद्दीन, मौलाना शफीक अहमद मुजद्दीदी, सूरज चौधरी, सहाबुद्दीन, सुनीता श्रीवास्तव, पूनम श्रीवास्तव, मैना देवी, रमता श्रीवास्तव, प्रभावती देवी, धनेसरा, किरन, गीता, सरोज, किशुना देवी, बिन्दु देवी, अर्चना श्रीवास्तव, रीता श्रीवास्तव, अंजू श्रीवास्तव, ममता श्रीवास्तव, नगीना बेगम, नाजिया, राजेश कन्नौजिया आदि लोग शामिल रहे।