गाजीपुर
इष्ट देव केवल एक होने चाहिए – स्वामी विजयानंद गिरी
गाजीपुर। जिले के भीमापार क्षेत्र के परसनी गांव स्थित ठाकुर जी मंदिर प्रांगण में चल रहे श्रीमद्भागवत महापुराण पाठ के शुभ अवसर पर श्रद्धा और भक्ति का विशेष माहौल बना हुआ है। यह धार्मिक आयोजन पूरे क्षेत्र में आस्था का केंद्र बना हुआ है, जिसमें प्रतिदिन सैकड़ों श्रद्धालु शामिल होकर भागवत कथा श्रवण कर रहे हैं।
इस विशेष आयोजन में ऋषिकेश से पधारे स्वामी श्री विजयानंद गिरि जी महाराज ने अपने दिव्य आशीर्वचनों से भक्तों को आध्यात्मिक अनुभूति प्रदान की। उन्होंने अपने प्रवचन में कहा कि, “इष्ट देव केवल एक होने चाहिए, क्योंकि जब मन और श्रद्धा एक स्थान पर केंद्रित होते हैं, तभी भक्ति का सच्चा रूप प्रकट होता है।”

स्वामी जी ने आगे कहा कि आजकल लोग कई देवी-देवताओं की पूजा करते हुए अपने मन को भ्रमित कर लेते हैं, जिससे आध्यात्मिक ऊर्जा का केंद्रित प्रवाह नहीं हो पाता। उन्होंने समझाया कि जैसे एक विद्यार्थी अगर एक साथ कई विषयों में उलझ जाए तो सफलता कठिन होती है, वैसे ही भक्ति मार्ग में भी एक ही इष्ट के प्रति समर्पण आवश्यक है।
मंदिर परिसर में प्रतिदिन प्रातः और संध्या को कथा के साथ कीर्तन, आरती तथा प्रसाद वितरण की व्यवस्था की गई है। आयोजन समिति के सदस्यों ने बताया कि यह कार्यक्रम पूरे सप्ताह चलेगा और समापन दिन भंडारे का आयोजन भी किया जाएगा।
श्रद्धालुजन स्वामी जी के प्रवचनों से अत्यंत प्रभावित दिखे और उन्होंने बताया कि ऐसे संतों का मार्गदर्शन न केवल धार्मिक ज्ञान बढ़ाता है, बल्कि जीवन के मूल्यों को समझने की प्रेरणा भी देता है।
