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अपराध

इन्सोरेंस पालिसी का धोखाधड़ी करने वाले तीन अन्तर्राज्यीय साइबर अपराधी दिल्ली से गिरफ्तार भारी मात्रा में चेक डेबिट क्रेडिट कार्ड बरामद

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वाराणसी। शैलेन्द्र प्रताप सिंह पुत्र जगरूप सिंह निवासी शिवपुर, तरना, जनपद वाराणसी द्वारा साइबर क्राइम पुलिस थाना वाराणसी पर सूचना दी गयी कि उनके एस.बी.आई. लाईफ इन्श्योरेंस के पालिसी के बारे में जानकारी बराबर मिलते रहने के बात बताकर अपने आप को एस.बी. आई का अधिकारी होने का विश्वास में लेकर वार्ता के दौरान एक अच्छी पालिसी देने व इनकम टैक्स के बचने के नाम पर दिल्ली के पते पर कुल 700345 रुपये का चेक उपरोक्त पता पर मंगाकर धोखाधड़ी किया गया है, जिसकी जांच उ.नि. सतीश सिंह व है. का. रविकान्त जायसवाल द्वारा की गयी और जाचोपरान्त पर मु0अ0सं0- 0006/2022 धारा- 417, 420 भादवि व 66 आईटी एक्ट पंजीकृत कर विवेचना प्रारम्भ की गयी। उपरोक्त प्रकरण में विशेष पुलिस महानिदेशक साइबर क्राइम लखनऊ पुलिस अधीक्षक साइबर क्राइम लखनऊ, पुलिस उप महानिरीक्षक वाराणसी परिक्षेत्र वाराणसी अखिलेख कुमार चौरसिया, क्षेत्राधिकारी साइबर क्राइम अविनाश चन्द्र सिन्हा द्वारा साक्ष्य संकलन/ अनावरण एवं गिरफ्तारी हेतु निर्देशित किया गया था जिसके अनुपालन में इलेक्ट्रानिक सर्विलास, सी.डी.आर. एनालिसिस व अन्य साइबर तकनीक का प्रयोग करते हुए संकलित साक्ष्यों के आधार सलिमता प्रमाणित होने पर 22 मई को अभियुक्तगण उपरोक्त को सीबल सिनेमा, बदरपुर, जनपद- साइब-ईस्ट दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया गया। विवेचनात्मक कार्यवाही पूरी कर उपरोक्त अभियुक्तगण का चालान माननीय न्यायालय में प्रस्तुत किया जा रहा है।

इस तरह करते थे अपराध

अभियुक्तों द्वारा बताया गया कि हमलोग काफी पढ़े लिखे है जिसमें रियाज खान का शिक्षा MES DIPLOMA व B.TECH, मो. अरशद अंसारी स्नातक तथा रजनीश कुमार सिंह Bsc किया है तथा कम्प्यूटर के बारे में बहुत अच्छी जानकारी है। हम तीनों लोग पूर्व में इसॉरेंस सेक्टर में काम कर चुके है, मो. अरशद अंसारी ने बताया कि मैं CARETEL, Net Ambit कंपनी में कालिंग का काम करता था जिसमें Insurance बेचने का काम होता था, इसके बाद Bajaj Capital, Money Guard आदि कंपनियों में Insurance Policy बेचने का काम करता था, इसी तरह रिवाज खान Money Guard आदि कंपनियों में Insurance Policy बेचने का काम करता था व रजनीश कुमार सिंह भी matromony व shadi.com टेलीकालर के रूप में काम कर चुका है। इस तरह के हमलोगों का Insurance सेक्टर में काफी अनुभव हो गया था। कंपनी में काम करते हुए हमलोगों को आइडिया आया कि कंपनी में पैसा ज्यादा मिलता नहीं है, इसलिए स्वयं ही काम करेंगे, और हमलोगों ने बदरपुर में सिब्बल सिनेमा के पास एक किराये पर कमरा लिया व फर्जी काल सेंटर शुरू कर दिया गया। इसके पहले दुसरे स्थान पर काल सेन्टर चलाते है। हम लोग कुट रचित व गलत नाम पते का सिम किसी व्यक्ति के नाम का लेकर के तथा कालिंग करके तथा कोरियर वालो को गुमराह गलत नाम पते पर चेक मैगा करके, फर्जी नाम पते से खोले गये खातो में पैसा प्राप्त कर लेते है तथा पेटीएम से पैसा निकालकर के आफिस का खर्च, तथा नेक्सान के इएमआई तथा कालिंग सेंटर काम करने वाली लड़कियों को तनख्वाह देने के बाद बचे पैसो को आपस में बराबर बराबर बाँट लेते हैं। हमारे आफिस में काम करने वाली लड़कियों को इस बात की कभी जानकारी नहीं होती है कि हम लोग फ्राड का काम कर रहे है, उनको बैंकिंग व इन्स्योरेन्स का काम करने की जानकारी होती है। हम लोग जिनके साथ आन लाईन या कालिंग करके धोखा देकर ठगी करके चेक मैगाते है पहले उनके पास मोबाईल नबरो के सिरिज के अनुसार कालिंग करके अपने विश्वास में लेकर फ्राड करके पैसे की ठगी करते है। मु0अ0सं0 006/2023 के सम्बन्ध में पूछने पर तीनो एक राय से बता रहे है कि हम तीनो लोगो ने योजना बनाकर के शैलेन्द्र प्रताप सिंह नाम के व्यक्ति से लगभग सात लाख रुपये का फ्रॉड इन्सुरेस के नाम पर किया है। शैलेन्द्र सिंह के दिये हुए चेक को जम्मु कश्मीर बैंक में डालकर सारा पैसा ए.टी.एम. के माध्यम से लिया गया था जम्मू एण्ड कश्मीर बैंक में लगा हुआ नंबर फर्जी तरीके से लिया गया। मो0 अरशद असारी खुद को किरन राव बनकर शैलेन्द्र प्रताप सिंह को फोन करता था। रियाज खान विकाश वर्मा के बनकर बात करता था। हम लोगो ने शैलेन्द्र प्रताप सिंह से फर्जी नाम पता विभिन्न तिथियों में चेक लगभग सात लाख रुपये का मँगा लिया था। हम लोग शैलेन्द्र प्रताप सिंह से सर्विस टैक्स (e-service taxi) के नाम से चेक मँगाते थे, उसमे उन चेको को लगाकर पैसा एटीएम माध्यम से निकाल लेते थे। अन्य बैंको मे भी हमने खाते E-service-Taxi फर्म के नाम से खोले है. उपरोक्त खाता E-Service Taxi फर्म सबिनल खान के नाम से फर्जी कुटरचित आधार कार्ड, पैन कार्ड आदि बनाकर के जीएसटी रजिस्टर्ड करवाकर के कई फर्जी खाता खोला था।

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