वाराणसी
आरोपियों को छुड़ाने के लिए पथराव, 37 गिरफ्तार
वाराणसी। जिले के रामनगर के सुल्तानपुर गांव में पेयजल आपूर्ति को लेकर शुरू हुआ विवाद देर रात उपद्रव में बदल गया। ग्रामीणों और पुलिस के बीच हुए टकराव में आठ लोग घायल हो गए। स्थिति बिगड़ने पर पुलिस ने बल प्रयोग किया और 37 लोगों को हिरासत में लिया। इलाके में तनाव बना हुआ है।
घटना की शुरुआत तब हुई जब गांव में जलापूर्ति बाधित रहने पर ग्रामीणों ने ग्राम प्रधान के खिलाफ नाराजगी जताई और दिन में 11 बजे सड़क जाम कर प्रदर्शन शुरू कर दिया। पुलिस ने स्थिति को हल्के में लेते हुए केवल रूट डायवर्जन कर दिया।
रात करीब आठ बजे एसीपी डा. अतुल अंजान त्रिपाठी जब ग्रामीणों को समझाने पहुंचे तो भीड़ भड़क उठी। पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा, जिसके बाद ग्रामीणों ने पथराव शुरू कर दिया। इस झड़प में कई पुलिसकर्मी और ग्रामीण घायल हो गए, जबकि एसीपी की गाड़ी समेत कई वाहनों के शीशे टूट गए।
घटना की जानकारी मिलते ही डीसीपी गौरव बंसवाल मौके पर पहुंचे और पुलिस व पीएसी बल के साथ गांव में सर्च अभियान चलाया गया। देर रात तक की कार्रवाई में 37 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया, जबकि कई पुरुष गांव से भाग निकले।
ग्रामीणों के अनुसार, जलापूर्ति बंद होने की वजह ग्राम प्रधान के पति मनोज मौर्या का भतीजा अरविंद मौर्या था, जो पंप ऑपरेटर है और कई दिनों से ड्यूटी पर नहीं आ रहा था। जब ग्रामीणों ने प्रधान से जलापूर्ति बहाल करने को कहा तो दोनों पक्षों में विवाद हो गया।
ग्रामीणों का आरोप है कि शिकायत करने पर पुलिस ने प्रधान पक्ष के कहने पर उनके ही चार युवकों विशेष, रोहित मौर्या, रोहित पटेल और राहुल विश्वकर्मा का चालान कर दिया, जिससे गुस्सा और बढ़ गया। स्थिति नियंत्रण से बाहर जाती देख पुलिस ने कड़ी कार्रवाई की और देर रात उपद्रवियों को पकड़कर शांति बहाली की कोशिश की।
