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अपराध

अस्पताल में लगा शवों का अंबार, निःशुल्क पोस्टमॉर्टम के बाद भी 3 हजार में हो रहा सौदा

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वाराणसी। भीषण गर्मी का प्रकोप इस कदर जारी है कि तापमान 44 से 47 °C तक बना हुआ है। ऐसे में लोगों की मौत का सिलसिला लगातार जारी है। सरकारी अस्पतालों की मोर्चरी से लेकर पोस्टमॉर्टम हाउस तक शवों की कतार लगी हुई हुई। क्षमता से अधिक शव हर जगह पहुंच रहे हैं। पोस्टमॉर्टम हाउस की मोर्चरी की क्षमता महज 15 शवों की है पर वहां तकरीबन 50 शव रखे हुए हैं। यहां तक की शव मोर्चरी के बाहर जमीन पर रखे गए हैं। जिनकी गंध से पोस्टमॉर्टम कराने आये परिजनों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

पोस्टमॉर्टम हाउस में तो परिजनों ने आरोप लगाया कि हमसे पोस्टमॉर्टम के एवज पैसे मांगे गए। पोस्टमॉर्टम हाउस में जगह-जगह लिखा हुआ है की पोस्टमॉर्टम निःशुल्क है। उसके बावजूद लोगों से पैसों की डिमांड की जा रही है।

पोस्टमॉर्टम कर्मी ने बताया की रोजाना सुबह 11 बजे के बाद से पोस्टमॉर्टम शुरू होता है। वाराणसी के पोस्टमॉर्टम हाउस के आंकड़ों की बात करें तो 1 जून से 17 जून तक यहां 148 शवों का पोस्टमॉर्टम हुआ है। जिसमें 48 शव अज्ञात थे। गर्मी के प्रकोप से लगातार शवों के आने का सिलसिला जारी है। यहां लोग शवों को लेने के लिए कतार में खड़े हैं।

पूरी तरह से निःशुल्क पोस्टमॉर्टम के लिए की जा रही 2 से 3 हजार रुपये की डिमांड-

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जौनपुर जिले के चंदवक क्षेत्र से आये दूधनाथ राजभर ने बताया कि ‘मेरे भाई रंजीत की मौत जैतपुर थाना क्षेत्र में गर्मी के कारण हो गई थी। जिनके शव को पोस्टमॉर्टम के लिए यहां लाया गया। शव पोस्टमॉर्टम हॉउस की मोर्चरी में रखा हुआ था। नंबर आने पर हमसे शव को वहां से बाहर निकालने के एवज में 3000 रुपए की डिमांड की गई। हमने असमर्थता जताई तो कहा गया की जाओ खुद से निकाल लो बॉडी। दूधनाथ ने बताया कि वह गरीब व्यक्ति है और उसका भाई वाराणसी में राजगीर मिस्त्री का काम करता था हमारे पास शव का दाह संस्कार करने हेतु भी पर्याप्त पैसे नहीं है। इन परिस्थितियों में हम इनको 3000 रुपए कहां से दें। काफी मान मनव्वल के बाद शव को वहां से पोस्टमॉर्टम कक्षा तक लाया गया।

तो वहीं दूसरे मामले में, कांशीराम आवास में आत्महत्या किए युवक का शव भी पोस्टमॉर्टम हाउस में रखा हुआ था। उनके परिजनों ने भी पैसों की बात कही, परिजनों ने बताया कि पोस्टमॉर्टम हाउस के कर्मियों ने शव को मोर्चरी से निकलने के बदले 3000 रुपए की मांग की गई थी। काफी मिन्नतें की तो 2300 रुपए में बात तय हुई और बॉडी पोस्टमॉर्टम के लिए मोर्चरी से लायी गई। मृतक के परिजनों ने बताया कि यदि हम पैसे नहीं देते तो ये मृतक के पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में कुछ गड़बड़ी कर देते इस डर से हमने पैसा दे दिया।

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