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वाराणसी

अनुपूर्णेश्वरी मंदिर में भक्तों ने की माता के भव्य श्रृंगार की पूजा

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वाराणसी। सावन मास की पूर्णिमा तिथि पर काशी की प्राचीन और पूज्यनीय देवी अन्नपूर्णा का भव्य हरियाली श्रृंगार किया गया। मंदिर परिसर को सुगंधित फूलों और रंग-बिरंगी विद्युत झालरों से सजाकर माँ अन्नपूर्णा का गर्भगृह विशेष फूलों की पत्तियों जैसे रातरानी, बेला, गुलाब, गेंदा, अशोक और कामिनी से सुंदरता से अलंकृत किया गया।

सुबह की मंगल बेला में महंत शंकर पूरी द्वारा माता को पंचामृत स्नान कराया गया और फिर उनका श्रृंगार किया गया। इसके बाद भक्तों के दर्शन के लिए माता के कपाट खोल दिए गए। मध्याह्न भोग आरती के बाद मंदिर में झांकी दर्शन शुरू हुआ जो देर रात तक जारी रहा। शाम को माता की विशेष आरती और भोग वितरण का कार्यक्रम संपन्न हुआ।

सावन की इस पावन संध्या पर काशी के प्रसिद्ध गीतकार कन्हैया दुबे केडी के संयोजन में भक्ति संगीत का आयोजन हुआ। डॉ. सनिश ज्ञावली, डॉ. संदीप केवले, डॉ. आनंद मिश्रा ने बांसुरी, तबला और सितार की जुगलबंदी प्रस्तुत की। पं. रवि शंकर मिश्रा, डॉ. ममता टंडन और सुश्री सोनी सेठ ने कथक नृत्य के माध्यम से शिव वंदना, नागेंद्रहाराय त्रिलोचनाय जय जय भवानी, राधा कृष्ण झूला प्रसंग जैसे धार्मिक नृत्य प्रस्तुत किए। शास्त्रीय गायन में पं. नरेंद्र झा ने राग दरबारी और राग दुर्गा की मधुर छाया बिखेरी।

बाल कलाकार यथार्थ दुबे, दिव्या दुबे, अर्चना तिवारी, ओम तिवारी और भोजपुरी गायक आर्यन बाबू ने अपनी मनमोहक प्रस्तुतियों से सभी श्रद्धालुओं का मन मोह लिया। तबले, ढोलक, कीबोर्ड, बैंजो एवं पैड पर कुशल संगत करते हुए कलाकारों ने आयोजन को भव्य बना दिया।

कार्यक्रम के अंत में महंत शंकर पूरी ने सभी कलाकारों को अंग वस्त्र और माता के स्मृति चिन्ह से सम्मानित किया। इस भव्य आयोजन में मंदिर परिवार के प्रमुख सदस्य प्रदीप श्रीवास्तव, धीरेन्द्र सिंह सहित अन्य गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति रही।

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