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जौनपुर

अतुल सुभाष आत्महत्या कांड : मां ने न्यायाधीश से मांगी पोते की कस्टडी

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जौनपुर/नई दिल्ली। आत्महत्या करने वाले इंजीनियर अतुल सुभाष की मां अंजू देवी द्वारा पोते की कस्टडी की मांग करने वाली याचिका पर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। हालांकि, कोर्ट ने इस मांग पर कोई विशेष ध्यान नहीं दिया और कहा कि बच्चा अपनी मां के पास रहेगा। सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा सरकार और अतुल की पत्नी से बच्चे की स्थिति पर हलफनामा दाखिल करने के लिए कहा है। इस मामले पर अगली सुनवाई 20 जनवरी को होगी।

इससे पहले, इंजीनियर अतुल सुभाष सुसाइड मामले में आरोपी उनकी पत्नी निकिता सिंघानिया, उसकी मां निशा और भाई अनुराग को बेंगलुरु की सिटी सिविल कोर्ट से जमानत मिल चुकी है। 4 जनवरी को जमानत मंजूर होने के बाद, अदालत ने निकिता और उसके परिवार के अन्य सदस्य पर आरोपों की सुनवाई की।

अतुल के भाई विकास ने बेंगलुरु में 9 दिसंबर 2024 को आत्महत्या की एफआईआर दर्ज करवाई थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि अतुल को मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया गया था, जिसके कारण वह आत्महत्या करने को मजबूर हुआ।

अतुल सुभाष की पत्नी और उसके परिवार पर आरोप हैं कि उन्होंने अतुल से पैसे की मांग की और उसे आत्महत्या के लिए उकसाया। अतुल ने अपनी मौत से पहले एक सुसाइड नोट और वीडियो भी छोड़ा था, जिसमें उसने इन आरोपों को स्पष्ट किया था।

हाल ही में, कर्नाटक पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार किया था। निकिता, उसकी मां और भाई पर अतुल को आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप है। इस पूरे मामले में अतुल के परिवार के वकील का कहना है कि वे जमानत आदेश को कर्नाटक हाईकोर्ट में चुनौती देंगे।

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अतुल सुभाष और निकिता सिंघानिया की शादी से आत्महत्या तक का सफर

अतुल और निकिता की शादी 2019 में हुई थी। 2020 में उनका एक बेटा हुआ, लेकिन जल्द ही उनके बीच मतभेद उत्पन्न हो गए। 2021 में निकिता अपने बेटे को लेकर बेंगलुरु से चली गई और 2022 में अतुल और उसके परिवार के खिलाफ कई मामले दर्ज कराए। इनमें दहेज उत्पीड़न और अन्य आरोप शामिल थे। 1 दिसंबर 2024 को अतुल ने आत्महत्या कर ली, जिसके बाद यह मामला प्रकाश में आया।

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