वाराणसी
अजगरा विधायक ने बोस्टन NCSL सम्मेलन से लौटकर साझा किए वैश्विक अनुभव

वाराणसी। अमेरिका के बोस्टन में 4 से 6 अगस्त 2025 को संपन्न नेशनल कॉन्फ्रेंस ऑफ स्टेट लेजिस्लेचर्स (NCSL) सम्मेलन में भाग लेकर अजगरा के विधायक त्रिभुवन राम हाल ही में स्वदेश लौटे हैं। यह यात्रा उनके लिए अत्यंत महत्वपूर्ण और परिवर्तनकारी साबित हुई।
इस यात्रा का आयोजन NLC भारत (नेशनल लेजिस्लेटर्स’ कॉन्फ्रेंस भारत) द्वारा किया गया था, जिसमें 24 राज्यों और 21 राजनीतिक दलों के 130 से अधिक भारतीय विधायकों ने हिस्सा लिया। ऐसे बड़े प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा बनकर माननीय त्रिभुवन राम ने विभिन्न वैश्विक सत्रों में भाग लेकर बहुमूल्य अनुभव अर्जित किए।
सम्मेलन में उन्होंने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, राज्य बजट नियोजन, मतदाता विश्वास, साइबर सुरक्षा, आवास एवं परिवहन नवाचार, स्वास्थ्य नीति और अंतरराष्ट्रीय व्यापार जैसे विषयों पर चल रहे संवादों में सक्रिय भागीदारी की। विशेष रूप से उन्होंने “AI का विधायिका में उपयोग”, “परिवहन ढांचे के लिए प्रभावशाली रणनीतियाँ”, “विधायी निर्णय-निर्माण की प्रक्रिया” और “आवास संकट के समाधान के लिए रचनात्मक पहल” जैसे सत्रों से गहन सीख हासिल की। इन सत्रों ने डिजिटल शासन और सशक्त साइबर सुरक्षा सहित वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं को भारतीय संदर्भ में लागू करने की नई दिशा दी।
बोस्टन यात्रा की प्रमुख उपलब्धियों में हार्वर्ड और MIT जैसे विश्वप्रसिद्ध विश्वविद्यालयों का दौरा, मैसाचुसेट्स स्टेट हाउस में अमेरिकी विधायकों से संवाद और ऐतिहासिक चार्ल्सटाउन नेवी यार्ड एवं यूएसएस कॉन्स्टिट्यूशन की यात्रा शामिल रही। साथ ही, बोस्टन में भारतीय मूल के शिक्षाविदों और उद्योगपतियों से मुलाकात के दौरान शिक्षा, प्रौद्योगिकी और सामाजिक-आर्थिक विकास में सहयोग की संभावनाएं तलाशीं गईं।
त्रिभुवन राम ने कहा, “मेरे लिए गर्व की बात है कि मैंने अपने निर्वाचन क्षेत्र और भारत का प्रतिनिधित्व एक वैश्विक मंच पर किया। शासन व्यवस्था, बुनियादी ढांचा, AI, साइबर सुरक्षा और लोकतांत्रिक नवाचारों पर गहन ज्ञान प्राप्त हुआ। हार्वर्ड और MIT जैसे संस्थानों का दौरा तथा भारतीय विशेषज्ञों से संवाद ने हमारी सोच को व्यापक बनाया। मैं NLC भारत और इसके प्रेरणास्रोत डॉ. राहुल कराड का हृदय से धन्यवाद करता हूं, जिनकी दूरदर्शिता से यह ऐतिहासिक अवसर संभव हुआ।”
यह पहल डॉ. राहुल कराड, संस्थापक – NLC भारत की समावेशी, गैर-राजनीतिक और भविष्यसूचक नेतृत्व शैली का प्रतीक है, जो भारतीय लोकतंत्र को और मजबूत बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत है।