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गाजीपुर

“इको-फ्रेंडली मनायें होली” : ग्रीनमैन डॉ. अरविंद

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जखनियां (गाजीपुर)। होली भारत का एक रंग-बिरंगा त्योहार है, जिसे लोग बड़े उत्साह और उमंग के साथ मनाते हैं। लेकिन इस उत्सव की मस्ती में कई बार ऐसे कार्य हो जाते हैं, जिससे पर्यावरण को गंभीर नुकसान पहुंचता है। इसी को ध्यान में रखते हुए पर्यावरण प्रेमी डॉ. अरविंद कुमार आज़ाद ‘ग्रीनमैन’ ने लोगों से इको-फ्रेंडली होली मनाने की अपील की है।

उन्होंने कहा कि यदि हम पारंपरिक तरीकों में थोड़ा बदलाव करें, तो न सिर्फ होली की खुशियों का आनंद ले सकते हैं, बल्कि पर्यावरण को भी सुरक्षित रख सकते हैं। डॉ. अरविंद कुमार ने लोगों से प्लास्टिक से बने पानी के गुब्बारों का प्रयोग न करने की सलाह दी, क्योंकि ये पर्यावरण के लिए बेहद हानिकारक होते हैं। इसके बजाय बाल्टी से पानी का सीमित उपयोग करते हुए होली खेलना एक बेहतर विकल्प है।

बच्चों को होली के नाम पर हुड़दंग मचाने, पानी की बर्बादी करने और पटाखों का इस्तेमाल करने से बचाने की सलाह देते हुए उन्होंने केमिकल युक्त रंगों से दूर रहने की भी अपील की। प्राकृतिक रंगों का प्रयोग न केवल त्वचा के लिए सुरक्षित है, बल्कि यह पर्यावरण के अनुकूल भी होता है।

होलिका दहन को लेकर भी ग्रीनमैन ने जागरूकता फैलाते हुए कहा कि हर साल इस अवसर पर कई हरे-भरे पेड़ काट दिए जाते हैं, जिससे प्रकृति को भारी नुकसान होता है। उन्होंने सुझाव दिया कि होलिका दहन के लिए केवल सूखी लकड़ियों, गोबर के उपलों और घास-फूस का उपयोग करें। इससे पर्यावरण को बचाने में मदद मिलेगी और पेड़ों की कटाई भी रोकी जा सकेगी।

डॉ. अरविंद कुमार ने कहा कि छोटी-छोटी सावधानियां अपनाकर हम अपने पर्यावरण को बचा सकते हैं और आने वाली पीढ़ियों के लिए एक स्वच्छ और सुरक्षित भविष्य सुनिश्चित कर सकते हैं। इस होली, आइए संकल्प लें कि हम इको-फ्रेंडली तरीके से जश्न मनाकर प्रकृति की रक्षा में अपना योगदान देंगे।

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