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खेल

WC में पाक ने जब भी हेकड़ी दिखाई तो हुई जगहंसाई,

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नई दिल्लीः भारत और पाकिस्तान के बीच विश्व कप में होने वाले मुकाबले टीम इंडिया के रोचक रिकॉर्ड की वजह से कागजों पर बेरंग लग सकते हैं लेकिन मैदानी वास्तविकता कुछ और ही होती है। भारत और पाकिस्तान 12 बार दोनों एक दूसरे के खिलाफ वर्ल्ड कप में खेले हैं और पाकिस्तान क्रिकेट के सर्वोच्च मंच पर भारत के सामने एक भी जीत दर्ज नहीं कर पाया है। ऐसे में कोई भी सोच सकता है कि यह मुकाबले आमतौर पर एक तरफा होंगे, लेकिन ऐसी बात नहीं है क्योंकि भारत पाकिस्तान के मुकाबले भले ही किसी एक टीम के पक्ष में झुके हुए दिखाई दे लेकिन दोनों ही टीमों के खिलाड़ियों के ऊपर उस वक्त जबरदस्त प्रेशर होता है क्योंकि वे मैदान में अपने अपने देशवासियों की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए जीत की जद्दोजहद में लगे रहते हैं।

जावेद मियांदाद ने बंदर की तरह कूदकर भारत को मदारी बना दिया- जब हम विश्व कप में इन मैचों की बातें करते हैं तो हमें 90 के दशक के दो वाक्यें जरूर याद आते हैं जिन्होंने भारत-पाक प्रतिद्वंदिता की बहुत ही कट्टर नींव रखी थी। आप 1992 के विश्व कप में पीछे मुढ़कर समझना चाहेंगे तो यहां पाएंगे कि भारत और पाकिस्तान पहली बार विश्व कप में यहीं मिले थे। भारत ने सचिन तेंदुलकर के 54 और अजय जडेजा के 46 रनों की बदौलत 49 ओवर में 216 रनों का टारगेट सेट किया था जिसके जवाब में इंजमाम उल हक और जाहिद फजल के विकेट काफी तेजी से गिर गए लेकिन ओपनिंग बल्लेबाज आमिर सुहैल और अनुभवी जावेद मियांदाद ने तीसरे विकेट के लिए 88 रन जोड़ लिए। जावेद मियांदाद पाकिस्तान के सर्वकालिक महानतम बल्लेबाजों में से एक है और उनको अजीबोगरीब कैरेक्टर के लिए भी जाना जाता है। मियांदाद थोड़े तुनक मिजाज, थोड़े सनकी टाइप के और भारत से बेहतरीन प्रतिद्वंदिता में यकीन रखने वाले खिलाड़ी रहे हैं। उन्होंने इस मैच में बंदर की तरह तीन बार उछलकर किरण मोरे को ऐसे चिढ़ाने की कोशिश की कि आज भी यह वाक्या भारत पाक क्रिकेट मैचों के दौरान हुई घटनाओं में हमेशा याद किया जाता है। वर्ल्ड कप में जब-जब भारत से टकराया पाकिस्‍तान, चूर-चूर हो गया, इसके पीछे ये रही

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