वाराणसी
Varanasi Ropeway : टावर निर्माण के दौरान मिला शाही नाला, लापरवाही उजागर

वाराणसी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट ‘रोपवे’ का कार्य एक बार फिर विवादों में घिर गया है। गोदौलिया इलाके में बन रहे टावर नंबर 29 की पाइलिंग के दौरान जमीन के नीचे से ऐतिहासिक शाही नाला (घोड़ा नाला) निकल आया, जिसके बाद पूरे इलाके में अफरा-तफरी मच गई।
निर्माण स्थल पर जैसे ही पाइलिंग शुरू हुई, अचानक एक नाली की बाउंड्री टूट गई और उसमें सीवर का गंदा पानी बहने लगा। जांच में पता चला कि यह हिस्सा शाही नाले से जुड़ा है। इससे न केवल निर्माण स्थल पर खतरा बढ़ गया, बल्कि ठीक बगल में मौजूद छह मंजिला होटल व रेस्टोरेंट पर भी खतरे के बादल मंडराने लगे हैं।
घटना की जानकारी मिलते ही नगर आयुक्त अक्षत वर्मा, एडीएम सिटी आलोक वर्मा और जलकल विभाग के अधिकारी तुरंत मौके पर पहुंचे। आसपास की दुकानें और इमारतें खाली कराने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। सबसे ज्यादा खतरा उस होटल को है जो शाही नाले के ऊपर ही बना है।
रोपवे निर्माण एजेंसी ने बताया कि अगर जलकल विभाग या नगर निगम पहले ही इस नाले की जानकारी साझा कर देता, तो टावर के लिए यह स्थान चुना ही नहीं जाता। अफसरों की लापरवाही से एक बड़ा हादसा टल गया, लेकिन मामला बेहद गंभीर है क्योंकि किसी के पास शाही नाले का सही नक्शा ही नहीं है।
फिलहाल, निर्माण कार्य को तत्काल प्रभाव से रोक दिया गया है। एजेंसी का कहना है कि भारी मशीनों की कंपन से शाही नाले के ऊपर बनी दुकानों और इमारतों को भारी नुकसान पहुंच सकता है। जलकल विभाग ने एक सप्ताह का समय मांगा है ताकि नाले की मरम्मत और नक्शा तैयार किया जा सके।
नगर आयुक्त ने स्पष्ट किया है कि नाले पर अवैध रूप से बने मकानों और दुकानों को चिन्हित कर सील किया जाएगा। साथ ही, अब टावर नंबर 29 का निर्माण थोड़ा हटकर किया जाएगा ताकि कोई खतरा न रहे।