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उत्तराखंड: शीतकाल के लिए बंद हुए गुरुद्वारा हेमकुंड साहिब के कपाट
उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित गुरुद्वारा हेमकुंड साहिब के कपाट रविवार से शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए। आज सुबह 10 बजे से सुखमनी साहिब का पाठ प्रारंभ हुआ। लगभग 12 बजे तक कीर्तन और अरदास हुआ। वहीं 12 बजकर 15 मिनट पर इस साल की आखिरी अरदास हुई। वहीं एक बजे पवित्र गुरुग्रंथ साहिब का हुकुमनामा लिया गया। उसके बाद जयकारों की गूंज में पंज प्यारों की अगुवाई और भारतीय सेना के जवानों की देखरेख में ग्रंथ साहिब को सुखासन स्थान पर ले जाया गया।
कोरोना वायरस को देखते हुए इस साल 18 सितंबर को हेमकुंड साहिब की यात्रा शुरू की गई थी। जिसमें 11 हजार श्रद्धालु दर्शन कर पाए। हेमकुंड साहिब के कपाट बंद होने के यानी रविवार के दिन 1800 श्रद्धालु दर्शन को आए थे।
गुरुद्वारा हेमकुंड साहिब ट्रस्ट ने उस सभी लोगों का धन्यवाद किया, जिन्होंने इस साल यात्रा के संचालन में सहयोग प्रदान किया था। इसके बाद दोपहर 2 बजकर 30 मिनट पर हेमकुंड साहिब के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए।
हेमकुंड साहिब मैनेजमेंट ट्रस्ट के मुख्य प्रबंधक सरदार सेवा सिंह के मुताबिक ठंड के मौसम को देखते हुए गुरुद्वारा हेमकुंड साहिब के कपाट को बंद करने का फैसला लिया गया है। गुरुद्वारा हेमकुंड साहिब के कपाट बंद होने के दौरान ट्रस्ट के प्रधान सरदार जनक सिंह, जनरल सेक्रेटरी सरदार रविंदर सिंह समेत सेना के जवान मौजूद थे।