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बगैर नोटिस दिए मुसहरों के आशियाने पर बुलडोजर चलवाना न्यायसंगत नहीं, पीड़ितों ने डीएम को सौंपा ज्ञापन
वाराणसी। बगैर नोटिस करसड़ा गांव के दर्जनों मकानों को ध्वस्त किये जाने के संदर्भ में सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि मंडल ने सोमवार को ज़िलाधिकारी के प्रतिनिधि अपर नगर मजिस्ट्रेट को ज्ञापन सौंपकर मुसहरों को पुनः बसाए जाने की मांग की है।
अपर नगर मजिस्ट्रेट को दिये ज्ञापन में प्रतिनिधि मंडल ने कहा कि मुसहरों को बगैर कोई नोटिस दिये बुलडोजर चलवाकर ध्वस्त करना न्यायसंगत नहीं है। दलित फ़ाउंडेशन से जुड़े सामाजिक कार्यकर्ता राजकुमार गुप्ता ने कहा है कि बीते शुक्रवार को करसड़ा गांव में कई दशकों से रह रहे लोगों के घरों को बगैर कोई नोटिस दिये बुलडोजर चलवाकर ध्वस्त कर दिया गया।
जानकारी के अनुसार मुसहर बस्ती में दशकों से रह रहे थे, उनके पास जमीनों के बक़ायदा सट्टा इकरारनामा हैं। वर्षों से जिसे अपनी मिल्कियत लोग समझ रहे थे, अचानक स्थानीय प्रशासन उस पर अपना हक जताने लगा। मानवीय संवेदनाओं को दरकिनार कर मुसहरों को उजाड़े जाने की हम सामाजिक संगठनों के लोग इसकी घोर निंदा करते हैं। स्थानीय प्रशासन को द्विपक्षीय वार्ता कर मामले का सर्वमान्य हल निकालना चाहिये था, उनका घर छीन लेना किसी भी दशा में उचित नही है। ये क्रूरता की हद है।
सौंपे गये ज्ञापन में पूरी सहानुभूति बरतते हुये पहले उन्हे पुनः बसाया जाए, जिन्हे उजाड़ा गया है, वर्षों से घर बनाकर अपना परिवार के साथ रहने वाले लोगों को उजाड़ने से पहले उन्हे उसी स्थान पर पुनः स्थापित करने का रोडमैप तैयार किये जाने तथा ज़िम्मेदार दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही किए जाने की मांग किया है।
अधिवक्ता प्रेम प्रकाश सिंह यादव ने कहा कि यदि मुसहरों को पुनः बसाने के बारे में सहानूभूति का रवैया अख्तियार नही किया तो हम चुप नही बैठेंगे। ज्ञापन सौंपने वालों में प्रमुख रूप से दलित फ़ाउंडेशन से जुड़े सामाजिक कार्यकर्ता राजकुमार गुप्ता, अनिल कुमार, अधिवक्ता प्रेम प्रकाश सिंह यादव, प्रेम कुमार नट, सहित पीड़ित बुद्धु राम, मुनीब, राजेश आदि मौजूद रहे।