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वाराणसी

काशी के गंगा घाट पर पोस्टर लगाना पड़ा महंगा ! जाने क्या है पूरा मामला

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कार्यपालक मजिस्ट्रेट ने जारी की नोटिस; पूछा- “क्यों न साल भर के लिए पाबंद कर दें”-

वाराणसी के गंगा घाटों पर धार्मिक भेदभाव वाले पोस्टर चिपकाने वालों पर गाज गिर गई है। घाट पर पोस्टर चिपकाने वालों को संगठन से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। गंगा घाटों पर धार्मिक भेदभाव वाले पोस्टर चिपकाने वालों पर गाज गिर गई है। सूत्रों के अनुसार घाट पर पोस्टर चिपकाने वालों को संगठन से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। देर रात तक इसको लेकर चर्चाओं का दौर जारी रहा। शहर भर में विरोध के स्वर मुखर होने के बाद आनन-फानन में संगठन पदाधिकारियों की ऑनलाइन बैठक में यह निर्णय लिया गया। विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के पदाधिकारियों की बैठक में शुक्रवार को गंगा घाट पर पोस्टर चिपकाने वालों को उनके पद से हटा दिया गया है। बृहस्पतिवार को विहिप और बजरंग दल के पदाधिकारियों ने अस्सी से लेकर पंचगंगा घाट तक पोस्टर लगाए थे।

पोस्टर में गंगा घाटों पर ‘गैर हिंदुओं का प्रवेश प्रतिबंधित’ गैर हिंदुओं के प्रवेश पर प्रतिबंध की बात कही गई थी। इस मामले में जब विहिप के पदाधिकारियों से संपर्क किया गया तो उन्होंने पूरे मामले में कुछ भी कहने से इंकार कर दिया। एक पदाधिकारी ने कहा कि बिना किसी कार्यक्रम के इस तरह का आयोजन अनुशासनहीनता की श्रेणी में आता है। जिन लोगों ने यह हरकत की है वह अब संगठन का हिस्सा नहीं हैं।

कार्यपालक मजिस्ट्रेट ने जारी की नोटिस; पूछा- “क्यों न साल भर के लिए पाबंद कर दें”-
वाराणसी के गंगा घाटों पर गैर हिंदुओं के प्रवेश वर्जित संबंधी विवादित पोस्टर चिपकाए जाने के मामले में कमिश्नरेट की पुलिस ने सख्त रुख अख्तियार किया है। वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस के विशेष कार्यपालक मजिस्ट्रेट ने बजरंग दल काशी के संयोजक निखिल त्रिपाठी रुद्र और विश्व हिंदू परिषद के महानगर मंत्री राजन गुप्ता को नोटिस जारी कर आज पेश होने का आदेश दिया है। पूछा है कि क्यों न आप दोनों से 1 वर्ष तक शांति बनाए रखने के लिए 5 लाख का व्यक्तिगत बंधपत्र और इतनी ही धनराशि की 2 प्रतिभूतियां क्यों न ली जाएं?

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