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New GST Rates: आम आदमी को बड़ी राहत, TV-AC से लेकर कार तक… ये सामान होंगे सस्ते, जानिए क्या होगा महंगा

नई दिल्ली। जीएसटी काउंसिल ने टैक्स ढांचे में बड़ा बदलाव करते हुए नया 40% का स्लैब लागू करने का ऐलान किया है। यह दर विशेष रूप से पान मसाला, गुटखा, सिगरेट, तंबाकू उत्पाद, लग्जरी कारें, एसयूवी, प्रीमियम मोटरसाइकिलें और निजी विमानों पर लागू होगी। इसके साथ ही आम जनता को राहत देने के लिए कई रोज़मर्रा के सामानों पर टैक्स घटाया गया है।
किन वस्तुओं पर लगेगा 40% जीएसटी
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि नया 40% स्लैब पान मसाला, बीड़ी, गुटखा, सिगरेट और सभी प्रकार के तंबाकू उत्पादों पर लागू होगा। इसके अलावा पेट्रोल इंजन की 1200 सीसी से बड़ी और डीजल इंजन की 1500 सीसी से बड़ी सभी कारों, 350 सीसी से ऊपर की प्रीमियम मोटरसाइकिलों, निजी उपयोग के लिए हवाई जहाज, हेलिकॉप्टर, रेसिंग कार और नौकाओं पर भी यही दर लागू की जाएगी।
कब से लागू होंगे नए जीएसटी रेट
जीएसटी काउंसिल ने तय किया है कि नए टैक्स स्लैब 22 सितंबर 2025 से लागू होंगे। हालांकि 40% का यह विशेष स्लैब चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा ताकि बाजार पर अचानक दबाव न पड़े।
कौन-कौन से सामान होंगे सस्ते
सरकार ने 5% और 18% के दो मुख्य स्लैब के तहत आम जनता के लिए राहत दी है। अब अधिकतर खाद्य और कपड़ा उत्पादों पर केवल 5% जीएसटी लगेगा। रेफ्रिजरेटर, एयर-कंडीशनर और बड़े टीवी जैसे घरेलू उपकरणों को 18% जीएसटी में लाया गया है जिससे इनकी कीमतें घटेंगी।
शक्कर और फ्लेवर्ड ड्रिंक्स पर बढ़ेगा टैक्स
नई व्यवस्था के तहत चीनी युक्त ड्रिंक्स, फ्लेवर्ड सोडा, एनर्जी ड्रिंक्स और कैफीन वाले पेय पदार्थों पर 40% टैक्स लगाया गया है। सरकार का कहना है कि यह कदम स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए और कर प्रणाली को सरल बनाने के लिए उठाया गया है।

जीएसटी 2.0 से क्या होगा असर
सरकार का दावा है कि जीएसटी का यह नया ढांचा आम आदमी पर कर का बोझ घटाएगा और राजस्व संग्रहण को बढ़ाएगा। विशेषज्ञों का मानना है कि त्योहारी सीजन से पहले लागू होने वाले नए जीएसटी रेट बाजार को गति देंगे और किसानों, कारोबारियों और मध्यम वर्ग को बड़ी राहत देंगे।
नेताओं और उद्योग जगत की प्रतिक्रिया
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस फैसले को ऐतिहासिक बताया है। कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने इसे स्वागत योग्य बताया लेकिन कहा कि यह सुधार देर से आया है। उद्योग जगत ने भी नई जीएसटी दरों को सकारात्मक कदम करार दिया और उम्मीद जताई कि इससे उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी और बाजार को मजबूती मिलेगी।