वाराणसी
BHU: छात्रा के धरने पर पीएमओ का संज्ञान, तलब हुई प्रशासनिक रिपोर्ट

ABVP और छात्र नेता हुए मुखर
वाराणसी। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) में पीएचडी प्रवेश प्रक्रिया को लेकर सात दिन से धरने पर बैठी छात्रा के मामले में अब प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने संज्ञान लिया है। पीएमओ ने वाराणसी जिला प्रशासन से इस प्रकरण की रिपोर्ट तलब की है, जिसके बाद एडीएम सिटी ने मौके पर पहुंचकर छात्रा से मुलाकात की और शीघ्र ही रिपोर्ट भेजे जाने की बात कही।
छात्रा का आरोप है कि सभी प्रमाणपत्रों के वैध होने के बावजूद उसका प्रवेश रोका जा रहा है। प्रवेश के लिए उसने कुलपति, कुलसचिव, परीक्षा नियंता कार्यालय और हिंदी विभाग तक गुहार लगाई, लेकिन संतोषजनक जवाब नहीं मिला, जिसके चलते उसने केंद्रीय कार्यालय गेट पर धरना शुरू किया।
इस मुद्दे पर अब राजनीतिक हलकों में भी हलचल है। चंदौली के सपा सांसद वीरेंद्र सिंह और वरिष्ठ कांग्रेस नेता अजय राय ने धरनास्थल पर पहुंचकर छात्रा से मुलाकात की और उसके समर्थन में खड़े हुए।
उधर, सोशल मीडिया पर छात्रा के खिलाफ की गई आपत्तिजनक टिप्पणी पर भी कार्रवाई हुई है। लंका थाने में ब्राह्मण समाज के एक ट्विटर पेज द्वारा किए गए अश्लील कमेंट पर एफआईआर दर्ज की गई है। शिकायत शिवांश सिंह द्वारा दी गई थी, जिस पर पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए मामला दर्ज किया।
विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ अब अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने भी मोर्चा खोल दिया है। सोमवार को एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने महिला महाविद्यालय चौराहे पर प्रशासन का पुतला दहन किया और आरोप लगाया कि बीएचयू प्रशासन की गलत नीतियों ने परिसर को राजनीति का केंद्र बना दिया है।
छात्रनेताओं का कहना है कि पीएचडी प्रवेश प्रक्रिया में विभागीय अनियमितता, लापरवाही और प्रशासनिक ढिलाई साफ नजर आ रही है। उन्होंने मांग की है कि हिंदी विभाग में ईडब्ल्यूएस कोटे के तहत नियमों के अनुसार निर्णय लिया जाए और प्राचीन इतिहास एवं पुरातत्व विभाग में ओबीसी वर्ग से जुड़े छात्रों की समस्याओं का भी शीघ्र समाधान किया जाए।