वाराणसी
वाराणसी डीएम के खाता सीज मामले की अगली सुनवाई 12 फरवरी को
800 से अधिक राजस्वकर्मियों का वेतन रोका, प्रशासन के खिलाफ आंदोलन की चेतावनी
वाराणसी में भूमि अर्जन, पुनर्वास एवं पुनर्व्यवस्थापन प्राधिकरण (LARA) ने जिलाधिकारी के ट्रेजरी सिविल हेड खाता 2029 को सीज कर दिया है, जिससे 800 से अधिक राजस्वकर्मियों के वेतन भुगतान पर रोक लग गई है। यह कार्रवाई 1982 में अधिग्रहित जमीन के मुआवजे के लंबित भुगतान को लेकर की गई।
पुरानी जमीन अधिग्रहण की लड़ाई बनी वेतन संकट की वजह
मामला 1982 में डीरेका (अब बरेका) के कारखाने के लिए अधिग्रहित कंचनपुर निवासी पुरुषोत्तम की 87 डिसमिल भूमि का है, जिसका मुआवजा उन्हें नहीं मिला। 1988 में उन्होंने मुआवजे के लिए केस दर्ज किया, लेकिन 1994 में अदालत के आदेश के बावजूद भुगतान नहीं हुआ। पुरुषोत्तम की 2007 में मृत्यु हो गई, जिसके बाद उनके बेटे नंदलाल ने कानूनी लड़ाई जारी रखी। 2022 में मामला LARA के पास आया और 27 जनवरी 2024 को न्यायाधीश किरण पाल सिंह ने जिलाधिकारी वाराणसी के खाते को 10,70,026.49 रुपये की सीमा तक सीज करने का आदेश दिया।
राजस्व कर्मियों में आक्रोश, आंदोलन की चेतावनी
खाते के सीज होने से कलेक्ट्रेट और तहसीलों में हड़कंप मच गया है। राजस्व कर्मचारियों को वेतन न मिलने से बच्चों की स्कूल फीस और बीमा पॉलिसी प्रीमियम जैसे वित्तीय संकट का सामना करना पड़ रहा है। कर्मचारियों ने प्रशासन से जल्द समाधान की मांग की है और चेतावनी दी है कि यदि वेतन जल्द बहाल नहीं हुआ तो वे धरना-प्रदर्शन करेंगे।
अगली सुनवाई 12 फरवरी को
सरकार की ओर से DGC सिविल ने कुर्क खाता मुक्त करने की अपील दायर की थी, जिस पर पीड़ित पक्ष ने आपत्ति जताई। अदालत ने लिखित आपत्ति दाखिल करने का आदेश देते हुए अगली सुनवाई 12 फरवरी को निर्धारित की है। अब सभी की नजरें इस पर टिकी हैं कि क्या इस तारीख तक समाधान निकल पाएगा या राजस्वकर्मियों को अपनी मांगों के लिए आंदोलन करना पड़ेगा।