मऊ
कोपागंज में सम्मे माता मंदिर का जीर्णोद्धार
मऊ। कुछ सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, कोपागंज का पुराना नाम कपिल्य नगरी था, जो कभी पांचाल राज्य की राजधानी हुआ करती थी। समय के साथ इसका नाम बदलकर कोपागंज हो गया। यह नगर ऐतिहासिक और धार्मिक स्थलों से समृद्ध है, लेकिन देखरेख की कमी के कारण कई मंदिर, कुएं और मठ अब सिर्फ सरकारी दस्तावेजों तक ही सीमित रह गए हैं।
कोपागंज में चारों दिशाओं में स्थित सम्मे माता का मंदिर विशेष महत्व रखता है। इसे पहर की भगवती के नाम से भी जाना जाता है। दशकों से नगर के बाहरी क्षेत्र में स्थित यह मंदिर जीर्णशीर्ण अवस्था में था। इस स्थिति को देखते हुए नगर के पेंट व्यवसायी दीपक गुप्ता ने पहल कर मंदिर का जीर्णोद्धार कराया, जो अब चर्चा का विषय बना हुआ है।
मान्यता है कि सम्मे माता की पूजा सभी कार्यों से पहले की जाती है, जिससे कार्य सफल होते हैं। कहा जाता है कि लगभग 300 ईसा पूर्व एक महामारी से निजात पाने के लिए तत्कालीन राजा ने इस मंदिर का निर्माण कराया था। मंदिर बनने के बाद नगरवासियों में नई ऊर्जा और खुशहाली का संचार हुआ।
श्रावण मास में नगर के पुरुष और महिलाएं यहां जल अर्पित कर सुख-समृद्धि की कामना करते हैं। नवविवाहित दंपती भी जीवन की नई शुरुआत के लिए यहां आकर आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।