गांव की चिट्ठी
गौशाला से मरी हुई गायों की हड्डियों की हो रही तस्करी, प्रशासन को भनक तक नहीं शिकायत के बाद भी नहीं हो रही कार्यवाही
रिपोर्ट -प्रवीण कुमार सिंह
वाराणसी। काशीविद्यापीठ विकास खंड के कोटवां में बने निराश्रित गौशाला में मरी हुई गायों के हड्डियों की बडे पैमाने पर तस्करी हो रही है। शिकायत के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं हो रही है।
सरकार निराश्रित गायों के लिए हर गांवों में एक गौशाला.बनवाया है। कोटवा गांव में निराश्रित गौशाला बनाया गया है। जिसमे वर्तमान समय में 65गाय है। जिसमे 5 गाय मर गई गो आश्रय से थोडी दुरी पर एक गड्ढा खोदकर उसी में मरी हुई गायों को डाल कर छोड दिया गया है। तस्कर मरी हुई गायों को काटकर उनकी हड्डियों को उठा ले जा रहे.है। मांस और चमडे को उसी गड्ढे में छोड दे रहे है। स्थानीय लोगों ने बताया की गायों की देखभाल के लिए तीन कर्मचारियों की नियुक्ति की ग ई है। उनकी भी भूमिका हड्डियों की तस्करी में पुरी तरीके से संदेहास्पद लग रहा है। जब आसपास के लोगों ने हड्डियों की तस्करी को रोकने के लिए कहा तो वे लोग मारपीट पर आमादा हो जाते.है। इसकी शिकायत कुछ लोगों ने ब्लाक के अधिकारियों से किए लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई। गायों की मरने की सिलसिला हमेशा जारी है गाय को खाने में सूखा भूसा दिया जाता है