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आजमगढ़

परशुरामपुर अस्पताल की स्थिति दयनीय,कर्मचारियों की लापरवाही पर सवाल

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आजमगढ़ (जयदेश)। स्वास्थ्य विभाग की स्थिति पर सवाल उठाते हुए परशुरामपुर अस्पताल के बारे में यह जानकारी सामने आई है कि पिछले कुछ वर्षों में इस अस्पताल की स्थिति लगातार बिगड़ती गई है। 20 सितंबर 2014 को जब इस अस्पताल को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के रूप में उन्नत किया गया तब यहां के लोगों को स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की उम्मीद थी लेकिन समय के साथ अस्पताल की स्थिति ऐसी हो गई कि यह मरीजों की सेवा करने के बजाय कर्मचारियों के आरामगाह में बदल गया।

इसकी बानगी तब मिली जब शनिवार को एक पत्रकारों की टीम अस्पताल पहुंची और पाया कि अस्पताल में जरूरी स्टाफ अनुपस्थित था। गेट पर खड़े तीन कर्मचारियों ने बताया कि सभी डॉक्टर छुट्टी पर हैं। अस्पताल की सफाई भी बहुत खराब थी, फर्श पर धूल जमी हुई थी और अन्य कमरों में कोई व्यवस्था नहीं थी।

जब इमरजेंसी कक्ष और वार्ड खोलने के लिए कहा गया तो कर्मचारियों ने मीडिया कर्मियों से बुरा व्यवहार किया और चाबी न होने का बहाना बना दिया।जब इस बारे में मुख्य चिकित्सा अधिकारी से शिकायत की गई, तो उन्होंने मौके पर निरीक्षण के लिए अन्य कर्मचारियों को भेजा। निरीक्षण के दौरान भी कर्मचारियों ने उचित व्यवस्था नहीं की और शारीरिक उपस्थिति की जानकारी में भी खामियां पाई गईं। अधिकारियों ने अस्पताल के अधीक्षक को ध्यान दिलाया कि कर्मचारियों के द्वारा किए जा रहे उल्लंघन के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

हालांकि अस्पताल में कामकाजी कर्मचारियों की अनुपस्थिति और बदतर व्यवस्था के बावजूद, कुछ लोग अस्पताल के अधीक्षक को एक अच्छे डॉक्टर मानते हैं परंतु वे नियमित रूप से अस्पताल नहीं आते। इसके बजाय वे अन्य अस्पतालों में निजी प्रैक्टिस करते हैं। अस्पताल के अंदर भी अनैतिक गतिविधियों की शिकायतें मिली हैं जो अस्पताल की विश्वसनीयता को घटा रही हैं। अब यह देखना होगा कि विभागीय अधिकारी इस गंभीर मुद्दे का समाधान कैसे करते हैं।

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