वाराणसी
अंतरराष्ट्रीय साइबर ठगी गिरोह का भंडाफोड़, मास्टरमाइंड सहित तीन गिरफ्तार
जॉब सीकर्स का चुराते थे डाटा, नौकरी दिलाने का देते थे झांसा
वाराणसी। पुलिस ने एक बड़े साइबर ठगी गिरोह का पर्दाफाश करते हुए मास्टरमाइंड और कॉल सेंटर संचालक सहित तीन शातिर अपराधियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस नें गिरोह के पास से 7 कीपैड मोबाइल, 6 एंड्रॉयड मोबाइल, 3 लैपटॉप, 5 एटीएम कार्ड, फर्जी दस्तावेज, स्टांप, पासबुक और चेकबुक, 10,000 से अधिक जॉब सीकर्स का डेटा और 2,450 रुपये बरामद किया है।वाराणसी निवासी ब्रजेश यादव ने शिकायत दर्ज कराई थी कि उन्हें “फाइनेंस 24” नामक फर्जी कंपनी के जरिए नौकरी दिलाने का झांसा दिया गया। इस कंपनी ने उनके जरिए अन्य व्यक्तियों से लोन प्रोसेसिंग के नाम पर 5.65 लाख रुपये ठग लिए।
साइबर क्राइम थाने ने शिकायत दर्ज कर जांच शुरू की और गिरोह तक पहुंचने में सफलता पाई।गिरफ्तारी में पकड़े गए आरोपीदीपक बहोरा (28 वर्ष): नेपाल के धनगढ़ी निवासी, वर्तमान में नोएडा में रह रहा था।जितेंद्र कुमार पटेल (32 वर्ष): जौनपुर निवासी, नोएडा के सेक्टर 51 में रह रहा था।मनोज कुमार गुप्ता (35 वर्ष): गोरखपुर निवासी, वर्तमान में नोएडा में रह रहा था।
गिरोह का आपराधिक तरीका
1. डेटा चोरी: Workindia.com और Naukri.com जैसे पोर्टल्स से जॉब सीकर्स का डेटा चुराते थे।
2. फर्जी नौकरी: “फाइनेंस 24” के नाम से फर्जी ऑफर लेटर और आईडी कार्ड बनाते थे।
3. लोन प्रक्रिया: लोन दिलाने के नाम पर आवेदकों से रजिस्ट्रेशन, RTGS और NOC चार्ज के नाम पर रकम वसूलते थे।
4. धोखाधड़ी: पैसे लेने के बाद फोन नंबर और बैंक खाते बंद कर फरार हो जाते थे।
फर्जी कंपनियों का खुलासा
गिरोह “RK Associate,” “Himalaya 24 HOURS,” और “Finance 24 Hours” जैसे फर्जी नामों से कंपनियां चला रहा था। साइबर क्राइम टीम ने तकनीकी साधनों का उपयोग कर गिरोह का पता लगाया। गिरफ्तार आरोपियों का आपराधिक इतिहास भी खंगाला जा रहा है। पुलिस अब गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश में जुटी है। पुलिस अधिकारियों ने भरोसा दिलाया है कि मामले में संलिप्त सभी दोषियों को जल्द ही कानून के दायरे में लाया जाएगा।