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यूपीपीएससी ने दो शिफ्ट में परीक्षा का फैसला लिया वापस
RO/ARO एग्जाम में फंसा पेंच
प्रयागराज। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) ने प्रारंभिक परीक्षा को दो शिफ्ट में कराने का फैसला 10 दिन में ही वापस ले लिया। छात्रों के जोरदार विरोध प्रदर्शन के बाद अब यह परीक्षा एक ही शिफ्ट में आयोजित होगी। आयोग ने गुरुवार, 14 नवंबर को यह निर्णय लिया। यह कदम 5 नवंबर को दो शिफ्ट में परीक्षा कराने के फैसले के खिलाफ 20,000 से अधिक छात्रों के आंदोलन के बाद उठाया गया।
11 नवंबर से जारी था आंदोलन
प्रयागराज स्थित UPPSC कार्यालय के बाहर 11 नवंबर से हजारों छात्र प्रदर्शन कर रहे थे। वे एक शिफ्ट में परीक्षा कराने की मांग कर रहे थे। गुरुवार को आयोग के सचिव अशोक कुमार छात्रों से बातचीत करने कार्यालय के बाहर आए, लेकिन छात्रों की हूटिंग के कारण उन्हें वापस लौटना पड़ा। इसके बाद लाउडस्पीकर पर घोषणा की गई कि PCS प्रारंभिक परीक्षा अब एक ही दिन और एक शिफ्ट में कराई जाएगी।

RO/ARO परीक्षा की तारीखें टलीं
आयोग ने समीक्षा अधिकारी (RO) और सहायक समीक्षा अधिकारी (ARO) परीक्षा-2023 को फिलहाल स्थगित कर दिया है। इन परीक्षाओं के लिए आयोग एक कमेटी का गठन करेगा, जो सभी पहलुओं पर विचार करके रिपोर्ट पेश करेगी।
PCS प्रारंभिक परीक्षा, जो 7 और 8 दिसंबर को होनी थी, और RO/ARO परीक्षा, जो 22 और 23 दिसंबर को प्रस्तावित थी, की नई तारीखें जल्द घोषित की जाएंगी।
छात्रों का प्रदर्शन जारी

हालांकि आयोग के इस फैसले के बाद भी प्रदर्शनकारी छात्रों का गुस्सा शांत नहीं हुआ। उनका आरोप है कि आयोग फैसला लटकाकर उन्हें भ्रमित कर रहा है। छात्रों ने कहा कि कमेटी में आयोग के ही अफसर होंगे, जो छात्रों के पक्ष में निष्पक्ष फैसला नहीं करेंगे।
पुलिस और छात्रों के बीच झड़प
गुरुवार सुबह प्रदर्शन कर रहे छात्रों और पुलिस के बीच झड़प भी हुई। सादी वर्दी में पहुंचे पुलिसकर्मी जब छात्रों को जबरन उठाने लगे तो प्रदर्शनकारी एक-दूसरे पर लेट गए। छात्रों ने पुलिस पर बदसलूकी और गाली-गलौज का आरोप लगाया।
इसके बाद हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारी मौके पर पहुंच गए और बैरिकेडिंग तोड़ते हुए आयोग के गेट तक पहुंच गए। पुलिस के रोकने के बावजूद छात्र डटे रहे और जमकर हूटिंग करते रहे।

छात्रों की मांगें बनी हुई हैं
प्रदर्शनकारी छात्र RO/ARO परीक्षा पर स्पष्ट निर्णय की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि आंदोलन तब तक जारी रहेगा, जब तक आयोग सभी परीक्षाओं की नई तारीखों और प्रक्रिया पर पारदर्शी फैसला नहीं लेता।
राहुल गांधी ने X पर छात्रों का मुद्दा उठाया। लिखा, ‘शिक्षा व्यवस्था को ध्वस्त करने में जुटी भाजपा सरकार की अक्षमता की कीमत आखिर छात्र क्यों चुकाएं? ‘पढ़ाई’ करने वाले छात्रों को सड़क पर ‘लड़ाई’ करने को मजबूर कर दिया गया है और अब उनका पुलिस के जरिए उत्पीड़न किया जा रहा है। युवाओं के साथ ये अन्याय हम स्वीकार नहीं करेंगे।’
