वाराणसी
शहर में सज गए पूजा पंडाल, दर्शन पूजन शुरू
ऐतिहासिक और भव्य स्थलों की थीम पर बने हैं कई पंडाल
वाराणसी। इस समय महादेव की नगरी काशी शक्ति की उपासना में डूबी हुई है। शहर के विभिन्न क्षेत्रों में भव्य दुर्गा पूजा पंडाल सजाए गए हैं, जिनमें अनोखी और विशेष थीम का समावेश किया गया है। इनमें वृंदावन का प्रेम मंदिर, जयपुर का शीश महल और सर्ववेद महामंदिर की थीम पर बने पंडाल प्रमुख हैं। संपूर्ण शहर रात में रंग-बिरंगी लाइटों और झालरों से जगमगाता है, जबकि चारों ओर देवी के भक्ति गीत गूंजते हैं।
आइए जानते हैं वाराणसी के तीन सबसे भव्य पूजा पंडालों के बारे में:
प्रीमियम बॉयज क्लब, हथुआ मार्केट:
प्रीमियम बॉयज क्लब, जो 1975 से दुर्गा पूजा का आयोजन कर रहा है, ने इस वर्ष एशिया के सबसे बड़े मेडिटेशन सेंटर, सर्ववेद महामंदिर की थीम पर एक विशेष पंडाल बनाया है। क्लब के सदस्य हर्ष गुप्ता के अनुसार, इस भव्य पंडाल को तैयार करने में दो महीने से अधिक समय लगा है। सुरक्षा व्यवस्था का भी विशेष ध्यान रखा गया है, ताकि भक्त निर्बाध रूप से मां दुर्गा के दर्शन कर सकें।
नई सड़क दुर्गा पूजा समिति, सनातन धर्म:
नई सड़क स्थित दुर्गा पूजा समिति ने इस साल जयपुर के प्रसिद्ध शीश महल की थीम पर एक भव्य पंडाल तैयार किया है। इस समिति की स्थापना 1980 में हुई थी और तब से यह हर साल एक विशेष थीम के साथ अपनी पहचान बना रही है। समिति के अध्यक्ष सूरज जायसवाल ने बताया कि पंडाल को तैयार करने में 40 दिनों से अधिक का समय और 12 से 15 लाख रुपये की लागत आई है। यहां नारी सशक्तिकरण और बाबा विश्वनाथ पर आधारित शो भी प्रस्तुत किया जाएगा। दुर्गा प्रतिमा की ऊंचाई 24 फीट है, जबकि महादेव अर्धनारीश्वर के रूप में 25 फीट की प्रतिमा भक्तों को दर्शन देगी।
कबीर नगर पूजा पंडाल:
कबीर नगर में भी एक खूबसूरत पूजा पंडाल का निर्माण किया गया है, जिसकी शुरुआत 1984 में हुई थी। पंडाल के सदस्य शिवनारायण पांडे ने बताया कि इस बार इसे आकर्षक लाइटिंग और रंग-बिरंगी झालरों से सजाया गया है, जो शहरवासियों को विशेष रूप से आकर्षित कर रहा है। यहां मां दुर्गा की मंत्रमुग्ध करने वाली प्रतिमा स्थापित की गई है, जो भक्तों को अध्यात्मिक आनंद प्रदान करती है।इस तरह, वाराणसी के दुर्गा पूजा पंडाल न केवल धार्मिक भावना को प्रकट करते हैं, बल्कि सांस्कृतिक समृद्धि का भी प्रतीक हैं।