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ज्ञानवापी मामले में एएसआई ने किया दावा‌- मंदिर को तोड़कर बना मस्जिद, कई पिलर पर देवी देवताओं के चित्र मिले

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देवनागरी और संस्कृत में कई श्लोक लिखे मिलें

वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद की एएसआई सर्वे रिपोर्ट सार्वजनिक हो गई है। 839 पेज की रिपोर्ट में ज्ञानवापी परिसर के हर कोने का ब्योरा है। नौ लोगों ने कॉपी का आवेदन किया था जिसमें से सिर्फ 5 लोगों को ही कॉपियां दी गई हैं। कोर्ट के आदेश के बाद ज्ञानवापी मस्जिद का एएसआई ने सर्वे कराया गया था। 18 दिसंबर को एएसआई ने जिला जज की अदालत में अपनी रिपोर्ट सौंपा था। इसके बाद हिंदू पक्ष ने मांग की थी कि सर्वे रिपोर्ट की कॉपी दोनों पक्षों को सौंपी जाए। जबकि मुस्लिम पक्ष ने रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं करने का अनुरोध किया था। इस मामले पर बुधवार 24 जनवरी को जिला कोर्ट ने सभी पक्षों को सर्वे रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया था।

हिन्दू पक्ष के अधिवक्ता विष्णु जैन ने दावा किया कि, रिपोर्ट में कहा गया है कि ज्ञानवापी की पश्चिमी दीवार हिन्दू मंदिर का हिस्सा है। अंदर के पिलर भी हिन्दू मंदिर के खंभे थे जिन्हें बाद में प्लास्टर आदि से थोड़ा बदला गया है। 839 पेज की इस रिपोर्ट में विष्णु जैन ने दावा किया कि एएसआई की रिपोर्ट के अनुसार वर्तमान संरचना के निर्माण से पहले यहां एक बड़ा हिंदू मंदिर मौजूद था जिसे 17 वीं शताब्दी में तोड़ा गया है। बाद में उसके ही हिस्से को मस्जिद में समाहित किया गया है।

एएसआई ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि, 1669 में मंदिर को तोड़कर मस्जिद बनाया गया है। वर्तमान ढांचे की मंदिर के ही अवशेष पर बनाया गया है। गुंबद साढ़े तीन सौ साल ही पुराना है। कई स्थानों पर मंदिर के अवशेष मिले हैं। कई पिलर पर देवी देवताओं के चित्र मिले हैं। देवनागरी और संस्कृत में कई श्लोक लिखे हैं।

नागर शैली के कई ऐसे निशान मिले हैं जो बताते हैं कि एक हजार साल पुराने हैं। जबकि मस्जिद केवल साढ़े तीन सौ साल पुरानी है। विष्णु जैन ने कहा कि अब उनकी कोशिश होगी कि वजूखाने का भी सर्वे कराया जाए। इसके लिए अदालत में अपील की जाएगी।

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