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वाराणसी

फर्जी काल सेंटर के माध्यम से बीमा पालिसी के सेक्यूरिटी देने के नाम करोड़ों रूपये के फ्राड करने वाले गैंग के छः सदस्य गिरफ्तार

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वाराणसी: 16 मई 2023 को वादी मुकदमा सर्वेश कुमार चौबे पुत्र स्व. लालता चौबे निवासी खजूरी, थाना- लालपुर-पाण्डेयपुर, वरूणा, कमिश्नरेट वाराणसी द्वारा अपने साथ पूर्व में हुए बीमा के सेक्योरिटी के नाम झांसा देकर लगभग 09 लाख रूपये का धोखाधड़ी होने के संबन्ध में थाना – लालपुर-पाण्डेयपुर, वरूणा जोन, कमिश्नरेट वाराणसी में मु.अ.सं. – 0130/2023 धारा -420 भा.द.वि. व 66 डी. आई.टी. एक्ट दर्ज कराया गया था जिसकी विवेचना विशेष पुलिस महानिदेशक, साइबर क्राइम लखनऊ उ.प्र. के आदेशानुसार स्थानांतरित होकर साइबर क्राइम पुलिस थाना वाराणसी को सुपूर्द हुआ था ।
उपरोक्त प्रकरण में विशेष पुलिस महानिदेशक साइबर क्राइम लखनऊ, पुलिस अधीक्षक साइबर क्राइम लखनऊ, पुलिस उप महानिरीक्षक वाराणसी परिक्षेत्र वाराणसी श्री अखिलेख कुमार चौरसिया,क्षेत्राधिकारी साइबर क्राइम गौरव कुमार शर्मा द्वारा साक्ष्य संकलन/अनावरण एवं गिरफ्तारी हेतु निर्देशित किया गया था जिसके अनुपालन में इलेक्ट्रानिक सर्विलांस , सी.डी.आर. एनालिसिस व अन्य साइबर तकनीक का प्रयोग करते हुए संकलित साक्ष्यों के आधार संलिप्तता प्रमाणित होने पर अभियुक्तगणों को पूछताछ के क्रम में साइबर क्राइम पुलिस थाना वाराणसी से हिरासत पुलिस/गिरफ्तार कर लिया गया । विवेचनात्मक कार्यवाही पूरी कर उपरोक्त अभियुक्तगण का चालान न्यायालय में प्रस्तुत किया जा रहा है ।

अभियुक्तगण द्वारा बताया गया कि हम सभी लोग योजना बनाकर फर्जी काल सेंटर नोएडा के सेक्टर 63 में किराये का आफिस/फ्लैट लेकर करते है। तथा हम लोग अलग अलग नामों से अपनी पहचान छिपाकर फर्जी मोबाइल नम्बरों का प्रयोग करके इन्श्योरेन्स पालिसी के प्राप्त डाटा के अनुसार बात कर लोगो से उनके फंसे हुए प्रिमियम / मेच्योरिटी दिलाने तथा बैंकिंग / बीमा ओम्बुड्स मैन (बैंकिग/बीमा लोकपाल) की फाइलों के निस्तारण के नाम पर रजिस्ट्रेशन फीस, प्रोसेसिंग फीस, जी.एस.टी. इत्यादि का झांसा देते हुए अवैध रुप से पैसा प्राप्त कर साइबर ठगी करते है। हम लोगो ने योजना बनाकर षडयन्त्र के तहत सर्वेश कुमार चौबे पुत्र स्व0 लालता चौबे खजुरी वाराणसी की बीमा लोकपाल में 03 फाइले एफटीसी 2429, एफटीसी 2227, एफटीसी 2548 लम्बित दिखाते हुए सितम्बर 2022 से मार्च 2023 तक करीब 09 लाख रुपये का साइबर फ्राड किया है। तथा उपरोक्त पैसो को विभिन्न लोगों को झांसे में लेकर प्राप्त खातों में पैसा मंगाकर एटीएम से निकाल लिया। हम लोगों ने विभिन्न व्यक्तियों को झांसा देकर खाता एटीएम कार्ड ले लिया था, तथा उसमें अपना फर्जी मोबाइल नं0 अटैच कर लिया था। हम सभी लोग पहले इंडिया इन्फो लाइन इन्श्योरेन्स पालिसी सेल करने वाली (इन्श्योरेन्स ब्रोकर कम्पनी) कम्पनी में कई वर्षो तक काम कर चुके थे, कम्पनी के बंद होने पर सुमित चौधरी निवासी मेरठ ने स्टोर डाटा को हम लोगो को दे दिया था, और हम लोगो ने उसी डाटा का दुरुपयोग कर लोगो के साथ साइबर फ्राड करने लगे। तथा इस मुकदमें मे हम लोगो में से ओमप्रकाश ने अवस्थी व बिनय कुमार मिश्रा बनकर, तथा जितेन्द्र विक्रमा राना बनकर, सुमित दूबे जी और राय साहब बनकर, तथा मोनू गिरी पी.सी. वर्मा बनकर तथा अशोक लारेंस डिसूजा बनकर तथा अजीत ने मनोज चौधरी व राम चन्द नारायण तलर बनकर कालिंग करते थे। तथा और लोगो को भी हम लोगो ने ऐसे ही विभिन्न फर्जी नाम का प्रयोग करते हुए साइबर ठगी किया है। इस तरह के साइबर ठगी से प्राप्त पैसो को फ्लैट का किराया व बिजली बिल आदि का खर्च करीब 25 हजार रुपये देने के बाद बचे पैसो को आपस में बराबर बराबर बांट लेते है। हम लोगो ने साइबर फ्राड से करोड़ो रुपये कमाये है। जिसमें ज्यादातर पैसा खाने पीने, ऐशो आराम व परिवार आदि में खर्च कर दिये है।

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