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G20 आरआईआईजी शिखर सम्मेलन और अनुसंधान मंत्रियों की बैठक मुंबई में संपन्न

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रिपोर्ट – प्रदीप कुमार

भारत की अध्यक्षता में G20 रिसर्च एंड इनोवेशन इनिशिएटिव गैदरिंग समिट और रिसर्च मिनिस्टर्स की मीटिंग आज बुधवार को मुंबई में सम्पन्न हुई। बैठक के आखिरी दिन G20 विज्ञान संलग्नताओं की मंत्रिस्तरीय घोषणाएं भी की गई।  

G20 देशों को किया धन्यवाद

इस दौरान केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेंद्र सिंह ने बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने दुनिया के सामने मौजूद विभिन्न चुनौतियों से निपटने के लिए रचनात्मक और सार्थक विचार-विमर्श के लिए G20 देशों को धन्यवाद दिया।

इन विषयों पर हुई चर्चा

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G20 अनुसंधान मंत्रियों की बैठक में अपने समापन भाषण में, उन्होंने संतोष व्यक्त किया कि आरआईआईजी बैठकों के दौरान, सदस्य देशों ने ऊर्जा सामग्री और उपकरणों से संबंधित चुनौतियों, सौर ऊर्जा उपयोग और फोटोवोल्टिक प्रौद्योगिकी और हरित ऊर्जा के लिए सामग्री और प्रक्रियाओं सहित विभिन्न विषयों पर चर्चा की।

नई संसाधन-कुशल, टिकाऊ और अधिक परिपत्र जैव-आधारित प्रौद्योगिकियों को बनाने, नीली अर्थव्यवस्था (ब्लू इकोनॉमी), समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र और प्रदूषण को समझने में अनुसंधान, विकास और नवाचार की भूमिका, तटीय और समुद्री जीवन संसाधन और जैव विविधता और गहरे समुद्र में महासागर प्रौद्योगिकी जैसे नीतिगत मुद्दों पर सकारात्मक विचार-विमर्श को देखकर उन्हें और अधिक खुशी हुई।

भारत संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्य-2023 प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्ध

उन्होंने सदस्यों को उनकी सक्रिय भागीदारी और हमारे प्राथमिकता वाले क्षेत्रों पर मूल्यवान इनपुट और टिप्पणियों के साथ भारत के आरआईआईजी एजेंडे का समर्थन करने के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और साझेदारी के माध्यम से अनुसंधान और नवाचार के माध्यम से संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्य-2023 को प्राप्त करने में योगदान देने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।

इनमें i) सतत ऊर्जा के लिए सामग्री; ii) चक्रीय जैव-अर्थव्यवस्था; iii) ऊर्जा संक्रमण के लिए पर्यावरण-नवाचार; और iv) टिकाऊ नीली-अर्थव्यवस्था प्राप्त करने की दिशा में वैज्ञानिक चुनौतियां और अवसर शामिल हैं, जो समावेशी सामाजिक विकास और प्रगति के लिए अनुसंधान और नवाचार के महत्व को दर्शाते हैं।

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गौरतलब हो, भारत की G20 की अध्यक्षता के तहत मुंबई में निर्णायक बैठक से पूर्व अनुसंधान और नवाचार पहल को आगे बढ़ाने के लिए कोलकाता, रांची, डिब्रूगढ़, धर्मशाला, दीव में भी बैठकें और सम्मेलन आयोजित किए गए थे।

अनुसंधान और नवाचार पहल को बढ़ाया आगे

मुंबई में सम्पन्न हुई बैठक पांच आरआईआईजी बैठकों के समापन का प्रतीक है। इन्हीं के जरिए भारत ने 2023 में “समान समाज के लिए अनुसंधान और नवाचार” विषय के तहत अनुसंधान और नवाचार पहल (आरआईआईजी) को आगे बढ़ाया है।

आरआईआईजी की महत्वपूर्ण बैठकों में कोलकाता में आयोजित की गई आरआईआईजी की स्थापना बैठक, इसके बाद रांची (थीम: सतत ऊर्जा के लिए सामग्री), डिब्रूगढ़ (थीम: सर्कुलर बायोइकोनॉमी), धर्मशाला (थीम: एनर्जी ट्रांजिशन के लिए इको-इनोवेशन) और दीव (थीम: सस्टेनेबल ब्लू-इकोनॉमी) में 4 विषयगत सम्मेलन हुए।

100 से अधिक विदेशी प्रतिनिधियों ने लिया भाग

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बैठक में G20 सदस्यों, आमंत्रित अतिथि देशों और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के अनुसंधान मंत्रियों सहित 100 से अधिक विदेशी प्रतिनिधियों ने भाग लिया। ज्ञात हो, कल, बैठक में आरआईआईजी शिखर सम्मेलन में परिणाम दस्तावेज के मसौदे पर चर्चा और बातचीत हुई थी।

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