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वाराणसी

नियमित टीकाकरण के सफल संचालन के लिए गुणवत्तापूर्ण माइक्रोप्लान तैयार करें – सीएमओ

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घर-घर जाकर हेडकाउंट सर्वे, ड्यू लिस्ट, सोशल मोबिलाइज़ेशन व गहन समीक्षा बेहद जरूरी

नियमित टीकाकरण के माइक्रोप्लान पर एक दिवसीय जनपद स्तरीय कार्यशाला आयोजित

वाराणसी: बच्चों व गर्भवती के नियमित टीकाकरण कार्यक्रम को सुदृढ़ करने और इसके माइक्रोप्लान को समय से तैयार कर टीकाकरण सत्रों का संचालन सफलतापूर्वक किया जा सकता है जिससे जनपद में नियमित टीकाकरण की 95 फीसदी उपलब्धि हासिल की जा सके। इसके लिए जरूरी है आबादी के अनुसार संबन्धित क्षेत्र का सर्वे करना, आशा कार्यकर्ता के माध्यम से घर-घर जाकर हेड काउंट सर्वे कर ड्यू लिस्ट तैयार करना, माइक्रोप्लान तैयार करना, कोल्ड चेन पॉइंट की व्यवस्था की जाँच, टीकाकरण सत्र के लिए वैक्सीन की पर्याप्त मात्रा की उपलब्धता सुनिश्चित करना एवं टीकाकरण सत्र स्थल के बारे में समुदाय को मोबिलाइज करना है। क्षेत्र के शत-प्रतिशत बच्चों का टीकाकरण हो। एक भी बच्चा व गर्भवती ड्रॉप आउट या लेफ्ट आउट न हो तभी नियमित टीकाकरण कार्यक्रम को सफल बनाया जा सकता है।
यह बातें मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ संदीप चौधरी ने सोमवार को ककरमत्ता स्थित होटल में आयोजित नियमित टीकाकरण के माइक्रोप्लान तैयार करने पर जनपद स्तरीय कार्यशाला में कहीं। यह कार्यशाला विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के सहयोग से आयोजित हुई। इसमें समस्त ब्लॉक सीएचसी-पीएचसी के अधीक्षक, प्रभारी चिकित्साधिकारी (एमओआईसी), चिकित्साधिकारी (आरआई), स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी (एचईओ), ब्लॉक कार्यक्रम प्रबन्धक (बीपीएम), ब्लॉक सामुदायिक प्रक्रिया प्रबन्धक (बीसीपीएम) व डाटा एंट्री ऑपरेटर ने प्रतिभाग किया। सीएमओ ने समस्त प्रतिभागियों को सख्त निर्देश दिया कि क्षेत्र की मैपिंग स्पष्ट होनी चाहिए। हेड काउंट सर्वे के अनुरूप इंजेक्शन लोड के आधार पर टीकाकरण सत्रों का निर्धारण किया जाए। माइक्रोप्लान तैयार करने के लिए बैठक कर गहन समीक्षा करें। सोशल मोबिलाइज़ेशन कार्ययोजना पर कार्य करें। एएनएम, आशा कार्यकर्ता, संगिनी के साथ नियमित बैठक कर माइक्रोप्लान के प्रत्येक बिन्दुओं की गहन चर्चा करें। क्षेत्र के समस्त गृहभ्रमण कर गर्भवती एवं दो वर्ष तक के बच्चों की सूची उनकी वर्तमान टीकाकरण स्थिति को दर्शाते हुये बनाएं। प्रत्येक नई गर्भवती तथा नये जन्मे बच्चों की जानकारी लिखकर विलेज हेल्थ इंडेक्स रजिस्टर (वीएचआईआर) में अंकित करें। इसके साथ ही ई-कवच पोर्टल पर भी परिवार के सभी सदस्यों की सूची शत-प्रतिशत अंकित करें। रजिस्टर में अंकित लाभार्थियों को ट्रैक करते हुये उनका पूर्ण प्रतिरक्षण सुनिश्चित कराएं।
सीएमओ ने कहा कि माइक्रोप्लान से जुड़ी जितनी भी समस्या हैं, उनको पूर्ण रूप से दूर कर ली जाएँ। कार्यशाला में दी गयी जानकारी का उचित अनुपालन करें। अगले दस दिनों में माइक्रोप्लान तैयार करना सुनिश्चित करें। जिला प्रतिरक्षण अधिकारी (डीआईओ), डिप्टी सीएमओ, सभी ब्लॉक नोडल अधिकारी, एमओआईसी, अन्य चिकित्सा अधिकारियों, स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी और सहयोगी संस्थाएं प्रत्येक आरआई दिवस पर कम से कम दो सत्रों की निगरानी करें। प्रतिदिन सायंकाल ब्लॉक एवं जिला स्तर पर फीडबैक समीक्षा बैठकें की जानी चाहिए।
इस दौरान राष्ट्रीय नियमित टीकाकरण कार्यक्रम के तहत जन्म पर, छठवें, 10वें व 14वें सप्ताह, नौ से 12 माह, 16 से 24 माह, पाँच वर्ष, 10 वर्ष और 16 वर्ष पर लगने वाले टीकों की विस्तृत जानकारी दी। जिला प्रतिरक्षण अधिकारी (डीआईओ) डॉ निकुंज कुमार वर्मा, डिप्टी डीआईओ डॉ यतीश भुवन पाठक और वरिष्ठ चिकित्साधिकारी डॉ एके पाण्डेय ने प्रतिभागियों की समस्याओं को दूर किया। डबल्यूएचओ के एसआरटीएल डॉ देबाशीश मजूमदार, एसएमओ डॉ कुनाल सिंह एवं डॉ सतरुपा ने माइक्रोप्लान को कैसे विकसित करें और टीकाकरण सत्र का आयोजन किस तरह से किया जाए, इसके बारे में विस्तार से जानकारी दी। यूनीसेफ के क्षेत्रीय समन्वयक प्रदीप विश्वकर्मा एवं डीएमसी डॉ शाहिद ने सामुदायिक मोबिलाइज़ेशन और प्रतिभागिता के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
कार्यशाला में डीआईओ डॉ निकुंज कुमार वर्मा, डिप्टी डीआईओ यतीश भुवन पाठक, एमओ डॉ एके पांडे, समस्त अधीक्षक, एमओआईसी, डीएचईआईओ हरिवंश यादव, डब्ल्यूएचओ से डॉ देबाशीश, डॉ कुनाल सिंह व डॉ सतरुपा, यूनीसेफ के डॉ प्रदीप विश्वकर्मा और डॉ शाहिद, एचईओ, बीसीपीएम एवं अन्य चिकित्सक व स्वास्थ्यकर्मी उपस्थित रहे। 

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