पूर्वांचल
ज्यादा मात्रा में सामानों की ढुलाई रेलवे ने किया सराहनीय कार्य

गोरखपुर: संरक्षित एवं निरापद रेल संचलन तथा रेल यात्रियों एवं माल को सुरक्षित गन्तब्य तक पहुँचाना रेल की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में सम्मिलित है। रेलवे राजस्व को बढ़ाने के लिये लगातार अपने ट्रैक संरचना में सुधार कर रहा है, जिससे उच्च लदान क्षमता पर माल की ढुलाई पूर्वोत्तर रेलवे के मार्गों से की जा सके। इसी क्रम में लदान क्षमता को बढ़ाने हेतु पूर्वोत्तर रेलवे पर रूट की क्षमता को निरंतर बढ़ाने का कार्य प्रगति पर है, जिससे अधिकतर रेलमार्ग सी.सी.़8़2 क्षमता के लिये फिट हो सकंे।
सी.सी.़8़2 रूट से तात्पर्य है वैगन के वहन क्षमता (कैरिइंग कैपेसिटी) से है जिसमें वैगन में वहन क्षमता से 10 टन अधिक माल लदान किया जा सकता है। पूर्वोत्तर रेलवे पर सी.सी.़8़2 रूट तथा बी.ओ.एक्स.एन.एच.एल., बी.सी.एन.एच.एल. एवं बी.सी.एफ.सी.एम. वैगनों हेतु गोल्डेनगंज-गोरखपुर छावनी, गोरखपुर छावनी-बाराबंकी, इंदारा-फेफना, रामपुर-लालकुआं, मुरादाबाद-रामनगर, मनकापुर-अयोध्या, गोरखपुर-नकहा जंगल, सीतापुर-खैराबाद, गोंडा-सुभागपुर, शाहगंज-आजमगढ़ एवं सीवान-हथुआ रेलमार्ग फिट हैं।
पूर्वोत्तर रेलवे पर अन्य रेलमार्गों जैसे कि बुढ़वल-सीतापुर, कानपुर अनवरगंज-फर्रूखाबाद, फर्रूखाबाद-कासगंज एवं कासगंज-मथुरा को भी उच्च लदान क्षमता सी.सी.़8़2 रूट के लिये मानक के अनुरूप बनाये जाने के लिये आवश्यक कार्य किया जा रहा है। इसके होने के पश्चात माल परिवहन में सरलता आयेगी तथा एक ही बार में ज्यादा मात्रा में सामानों की ढुलाई हो सकेगी, जिसका लाभ व्यापारियों को मिलेगा तथा रेलवे के राजस्व में भी वृद्धि होगी।