वाराणसी
वाराणसी में पहली बार खादी बुनकरों द्वारा निर्मित पश्मीना उत्पादों का हुआ शुभारंभ
रिपोर्ट – प्रदीप कुमार
वाराणसी| वाराणसी क्षेत्र में स्थित खादी संस्थाओं द्वारा उत्पादित पशमीना तैयार कर विधिवत बिक्री की शुरुआत की जा रही है पूर्व में पश्मीना ऊन से बने उत्पाद एक विशेष क्षेत्र की देन थे तथा इसे केवल केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख एवं जम्मू कश्मीर में उत्पादित कर देश विदेश में बिक्री के लिए उपलब्ध कराया जाता था खादी और ग्रामोद्योग आयोग के अथक प्रयास के कारण एक विशेष क्षेत्र में उत्पादित होने वाले पश्मीना ऊन से बने उत्पाद वाराणसी वह उसके आसपास के क्षेत्र की खादी संस्थाओं के माध्यम से उत्पादित किए जा रहे हैं पशमीना उनकी कताई लेह लद्दाख तथा बुनाई वाराणसी व उसके आसपास क्षेत्र की संस्थाओं द्वारा की जा रही है वाराणसी क्षेत्र की खादी संस्थाओं द्वारा पश्मीना ऊन से निर्मित किए जाने वाले उत्पादों की बिक्री कि आज दिनांक 8-4-22 को विधिवत शुरुआत की जा रही है इस अवसर पर खादी और ग्रामोद्योग आयोग भारत सरकार के वाराणसी कार्यालय द्वारा सर्किट हाउस वाराणसी के सभागार में एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें खादी और ग्रामोद्योग आयोग भारत सरकार के माननीय अध्यक्ष श्री विनय कुमार सक्सेना तथा आयोग के माननीय सदस्य मध्य क्षेत्र श्री जयप्रकाश गुप्ता के साथ साथ कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश सरकार के माननीय राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार स्टांप व न्यायालय शुल्क एवं पंजीयन मंत्रालय उत्तर प्रदेश सरकार श्री रविंद्र जायसवाल उपस्थित रहे एवं उत्तर प्रदेश भाजपा के सह प्रभारी सुनील ओझा भी उपस्थित रहे
कार्यक्रम का आरंभ करते हुए मंडली कार्यालय खादी और ग्रामोद्योग आयोग वाराणसी के निदेशक श्री धीरज भाटी ने मंचासीन सभी माननीय अतिथियों का स्वागत करते हुए पश्मीना ऊन से बनने वाले उत्पादों के संबंध में विस्तार से बताया निदेशक ने बताया कि फिलहाल वाराणसी एवं गाजीपुर के संस्थाएं पशमीना उत्पाद के निर्माण का शुभारंभ कर रही है
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आयोग के माननीय अध्यक्ष श्री विनय कुमार सक्सेना ने बताया कि लेह लद्दाख से शुरू होकर कश्मीर घाटी को समृद्ध बनाते हुए पशमीना उनसे उत्पादों का निर्माण किए जाने की तकनीक का शुभारंभ वाराणसी व उसके आसपास के क्षेत्रों में किया जाना खादी जगत के लिए एक गौरवशाली पल है अध्यक्ष महोदय ने कहा कि पशमीना उनसे उत्पाद निर्मित करने की प्रक्रिया वाराणसी व उसके आसपास के क्षेत्रों में प्रारंभ की गई है जिससे क्षेत्र के कसीनो बुनकरों को इसका लाभ मिलेगा माननीय अध्यक्ष महोदय ने इस अवसर पर या बताया कि पश्मीना ऊन से क्षेत्र में बने उत्पाद पूरी तरह से शुद्ध होंगे तथा इनमें दूसरे धागों का मिश्रण नहीं किया जाएगा