वाराणसी
अतिथि देवो भवः की भूमि काशी में नफ़रत का कोई स्थान नहीं: अजय राय
वाराणसी। गंगा घाट पर 25 दिसंबर को जापानी पर्यटकों के साथ हुई अभद्रता की घटना को लेकर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने इस घटना को अत्यंत शर्मनाक, निंदनीय और प्रदेश की कानून-व्यवस्था की भयावह तस्वीर बताया है। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि यह घटना किसी भी स्थिति में स्वीकार्य नहीं है।
अजय राय ने कहा कि “अतिथि देवो भवः” की परंपरा वाली काशी में नफ़रत का कोई स्थान नहीं हो सकता। जापानी पर्यटकों के साथ घाट पर हुई बदसलूकी न केवल शर्मनाक है, बल्कि यह प्रदेश में कानून के कमजोर होते हालात को भी उजागर करती है। यह घटना उस शहर में हुई है जो देश के प्रधानमंत्री का संसदीय क्षेत्र है और जिसे पूरी दुनिया आध्यात्म, संस्कृति और सहिष्णुता के केंद्र के रूप में जानती है।
उन्होंने आरोप लगाया कि जब सत्ता के संरक्षण में गुंडों और असामाजिक तत्वों को खुली छूट दी जाती है, तो ऐसी घटनाएं सामने आती हैं। पहले मुसलमानों और ईसाई समुदाय के लोगों को निशाना बनाया गया और अब विदेशी पर्यटक भी सुरक्षित नहीं हैं। केवल सांता क्लॉज की कैप पहनने पर जापानी टूरिस्टों से बदसलूकी होना यह दर्शाता है कि प्रदेश में कानून का भय समाप्त हो चुका है और भीड़तंत्र हावी है।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि वाराणसी और सारनाथ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बौद्ध टूरिस्ट सर्किट के प्रमुख केंद्र हैं, जहां हर वर्ष हजारों विदेशी पर्यटक आते हैं। ऐसी घटनाएं न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि पूरे देश की वैश्विक छवि को नुकसान पहुंचाती हैं। यह सीधे तौर पर भारत की संस्कृति, पर्यटन और ‘अतिथि देवो भवः’ की परंपरा पर हमला है।
उन्होंने सरकार से मांग की कि इस घटना की उच्चस्तरीय जांच कराई जाए। वाराणसी के घाटों और सार्वजनिक स्थलों पर लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज के आधार पर यह स्पष्ट किया जाए कि बदसलूकी करने वाले लोग कौन थे और उनके खिलाफ तत्काल कठोर कानूनी कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि दोषियों को बख्शा जाना भविष्य में ऐसी घटनाओं को बढ़ावा देने जैसा होगा।
अजय राय ने कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करे कि भविष्य में किसी भी पर्यटक चाहे वह देशी हो या विदेशी के साथ ऐसी शर्मनाक घटना न हो। यदि सरकार चुप्पी साधे रहती है, तो यह माना जाएगा कि वह भीड़तंत्र और अराजक तत्वों को संरक्षण दे रही है। कांग्रेस पार्टी प्रदेश में शांति, सद्भाव और कानून के राज की बहाली के लिए हर स्तर पर संघर्ष जारी रखेगी।
उन्होंने कहा कि इस घटना ने न केवल स्थानीय लोगों को बल्कि पूरे देश को झकझोर दिया है। काशी की पहचान उसकी संस्कृति और सहिष्णुता से है और ऐसी घटनाएं इस पहचान को धूमिल करती हैं। उन्होंने सभी नागरिकों से अपील की कि वे इस प्रकार की घटनाओं के खिलाफ आवाज उठाएं और समाज में एकता व सद्भाव को बढ़ावा दें, ताकि काशी अपनी पुरानी गरिमा और शांति को बनाए रख सके।
