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वाराणसी

पत्नी की सूझबूझ और मंत्री रविंद्र जायसवाल की सलाह से पूर्व डीन साइबर ठगों के चंगुल से निकले बाहर

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वाराणसी। साइबर ठगों ने पुलवामा आतंकी हमले का डर दिखाकर काशी हिंदू विश्वविद्यालय के पूर्व डीन एवं कामर्स फैकल्टी के हेड रहे डॉ. गुलाब चंद्र जायसवाल को डिजिटल अरेस्ट कर लिया। इस घटना में उनकी पत्नी डॉ. ऋचा जायसवाल की सजगता और स्टांप मंत्री रविंद्र जायसवाल की सलाह से वे ठगी का शिकार होने से बच गए। मामले में सिगरा थाने में साइबर ठगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है।

डॉ. गुलाब चंद्र जायसवाल सिगरा स्थित त्रिदेव अपार्टमेंट के निवासी हैं और पूर्व में अवध विश्वविद्यालय के कुलपति भी रह चुके हैं। गत दोपहर करीब 12:30 बजे वह लाजपत नगर पार्क में एक कार्यक्रम में मौजूद थे, तभी उनके मोबाइल पर कॉल आई। कॉल करने वाले ने स्वयं को लखनऊ एटीएस का प्रभारी रंजीत कुमार बताते हुए कहा कि उनकी पत्नी डॉ. ऋचा के नाम पर जारी मोबाइल सिम का उपयोग पुलवामा आतंकी हमला में किया गया है। ठग ने यह भी कहा कि यह सिम पुणे से जारी हुआ है और डॉ. गुलाब चंद्र को तत्काल घर लौटने का निर्देश दिया।

घर पहुंचते ही उन्हें वीडियो कॉल आया। दूसरी ओर पुलिस की वर्दी पहने व्यक्ति ने स्वयं को पुणे पुलिस का अधिकारी बताया और फोन पर बने रहने की चेतावनी दी। साथ ही गिरफ्तारी वारंट भेजने की धमकी दी गई। दबाव की स्थिति बनाते हुए ठगों ने उनसे बैंक खातों और उनमें जमा धनराशि की जानकारी भी मांगनी शुरू कर दी।

इसी दौरान कॉलेज से डॉ. ऋचा जायसवाल घर लौटीं और डॉ. गुलाब चंद्र को घबराई हालत में फोन पर बात करते देखा। स्थिति को भांपते हुए उन्होंने तत्काल पारिवारिक मित्र एवं स्टांप मंत्री रविंद्र जायसवाल को फोन कर पूरी जानकारी दी। मंत्री ने तुरंत स्पष्ट किया कि यह साइबर ठगों की करतूत है और देश में कहीं भी डिजिटल थाना नहीं होता, न ही पुलिस डिजिटल अरेस्ट करती है। उन्होंने दंपती को न डरने और ठगों का सामना करने की सलाह दी।

मंत्री की सलाह पर डॉ. गुलाब चंद्र ने ठगों को दो टूक जवाब दिया, जिसके बाद वे उनके चंगुल से बाहर आ सके। इसके बाद दंपती ने सिगरा थाने में तहरीर देकर साइबर ठगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया।

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स्टांप मंत्री रविंद्र जायसवाल ने कहा कि साइबर अपराधी लोगों को तरह-तरह का डर दिखाकर उनकी मेहनत की कमाई हड़पने का प्रयास करते हैं। यदि कोई पुलिसकर्मी बनकर फोन पर गिरफ्तारी या डिजिटल अरेस्ट की धमकी देता है, तो डरने के बजाय उसका सामना करें और स्थानीय पुलिस या किसी विश्वसनीय व्यक्ति से संपर्क करें।

यह घटना साइबर ठगी के बढ़ते मामलों के बीच सतर्कता की अहमियत को रेखांकित करती है। डॉ. गुलाब चंद्र और डॉ. ऋचा जायसवाल की सूझबूझ से एक बड़ा नुकसान टल गया।

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