वाराणसी
लैंड पूलिंग योजना से वाराणसी के चारों ओर बसेंगी नई टाउनशिप
वाराणसी। लैंड पूलिंग योजना के जरिए वाराणसी के चारों ओर नियोजित टाउनशिप विकसित करने की तैयारी है। इस मॉडल में शहरी विकास की प्रक्रिया में किसान, निजी डेवलपर्स और विकास प्राधिकरण तीनों की सहभागिता रहेगी। योजना का उद्देश्य शहर के सुव्यवस्थित विस्तार के साथ किसानों को उनकी भूमि का बेहतर प्रतिफल दिलाना है।
प्रस्तावित योजना के तहत इनर और आउटर रिंग रोड के किनारे नए आवासीय व व्यावसायिक क्षेत्र विकसित किए जाएंगे। हरहुआ से राजातालाब के बीच के गांवों में आधारभूत ढांचे का तेजी से विस्तार होगा। यहां होटल, कॉमर्शियल कॉम्प्लेक्स, आईटी से जुड़ी गतिविधियां, हरित क्षेत्र के साथ-साथ अस्पताल, स्कूल–कॉलेज, खेल मैदान और मॉल जैसी सुविधाएं विकसित करने की रूपरेखा है।
वीडीए के अनुसार लैंड पूलिंग मॉडल में किसान अपनी भूमि विकास के लिए साझा करेंगे। उदाहरण के तौर पर यदि किसी किसान के पास 10 एकड़ भूमि है, तो विकास कार्य के बाद उसे उसका हिस्सा वापस मिलेगा। इस प्रक्रिया से लौटाई गई भूमि का मूल्य पहले की तुलना में कई गुना बढ़ने की संभावना है। विकसित क्षेत्र में सड़कें, एसटीपी, पार्क और अन्य सार्वजनिक सुविधाएं तैयार की जाएंगी, जिससे शहरी अवसंरचना मजबूत होगी।

योजना के तहत भूमि उपयोग का स्पष्ट अनुपात तय किया गया है। करीब 20 प्रतिशत क्षेत्र सड़कों के लिए, 15 प्रतिशत पार्कों के लिए, 5 प्रतिशत यूटिलिटी सेवाओं के लिए और 10 प्रतिशत भूमि पर आवश्यक इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित किया जाएगा। इससे शहर का दबाव बाहरी क्षेत्रों की ओर स्थानांतरित होगा और पुराने शहर में भीड़भाड़ कम होने की उम्मीद है।
वीडीए उपाध्यक्ष पुर्ण बोरा ने बताया कि यह मॉडल मुआवजे से जुड़ी असंतुष्टि को दूर करने के साथ-साथ संतुलित शहरी विकास को बढ़ावा देगा। लखनऊ की आईटी सिटी और वेलनेस सिटी में लागू अवधारणा की तर्ज पर सेक्टर आधारित विकास किया जाएगा, ताकि नागरिक सुविधाओं का सुनियोजित प्रावधान सुनिश्चित हो सके।
कुल मिलाकर, लैंड पूलिंग योजना के माध्यम से बनारस के आसपास आधुनिक, सुव्यवस्थित और सुविधासंपन्न टाउनशिप विकसित करने की दिशा में कदम बढ़ाया जा रहा है, जिसमें सभी हितधारकों की भागीदारी केंद्र में होगी।
