वाराणसी
कफ सीरप प्रकरण: सात और दवा फर्मों के लाइसेंस निरस्त, जांच जारी
वाराणसी। कफ सीरप तस्करी प्रकरण में औषधि विभाग ने कार्रवाई तेज करते हुए सात और दवा फर्मों के लाइसेंस निरस्त कर दिए हैं। इससे पहले 12 फर्मों के लाइसेंस रद्द किए जा चुके हैं। इस प्रकार 38 दवा फर्मों में से 19 के विरुद्ध कार्रवाई हो चुकी है, जबकि शेष 19 फर्मों की जांच अभी जारी है।
दो हजार करोड़ रुपये के कफ सीरप तस्करी मामले में कोतवाली पुलिस ने 19 नवंबर को 26 दवा फर्मों के अलावा शुभम जायसवाल और उसके पिता भोलानाथ प्रसाद के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। मामले की जांच पुलिस की विशेष जांच टीम (एसआइटी) कर रही है। जांच के दौरान 12 और दवा कारोबारी आरोपित बनाए गए हैं।
औषधि विभाग सभी 38 दवा कारोबारियों के लाइसेंसों की नियमों के अनुरूप जांच कर रहा है। 33 दिनों की जांच अवधि में लगभग 50 प्रतिशत आरोपितों के दवा लाइसेंस निरस्त किए जा चुके हैं। औषधि विभाग के सहायक आयुक्त पीसी रस्तोगी के अनुसार, शेष 19 कारोबारियों की जांच शीघ्र पूरी की जाएगी।
जांच में एके डिस्ट्रीब्यूटर्स मौके पर सक्रिय नहीं पाया गया। आरोपित के ड्रग लाइसेंस में दर्ज आधार कार्ड का पता फर्जी पाया गया। वहीं, निहाल डिस्ट्रीब्यूटर्स को शैली ट्रेडर्स रांची से 23 हजार सीसी (100 एमएल) कफ सीरप की आपूर्ति दर्शाई गई थी, लेकिन विवेचना में फर्म सक्रिय नहीं मिली।
उधर, मीरजापुर में कोडीनयुक्त कफ सीरप मामले में वांछित तीन में से दो आरोपित अजीत यादव और अक्षत यादव को पुलिस ने रविवार को गिरफ्तार कर लिया। इनके खिलाफ एनडीपीएस एक्ट सहित अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया गया है। प्रभारी निरीक्षक अजय कुमार सेठ के अनुसार, औषधि निरीक्षक संतोष पटेल ने 4 दिसंबर को तीन आरोपितों के विरुद्ध मामला दर्ज कराया था।
कफ सीरप तस्करी के सरगना शुभम जायसवाल के पिता भोलानाथ प्रसाद से कमिश्नरेट पुलिस रिमांड पर पूछताछ करेगी। उनसे सोनभद्र और जौनपुर की पुलिस पहले ही पूछताछ कर चुकी है। अन्य स्थानों की पूछताछ के बाद कोतवाली में दर्ज मामले में चार्जशीट दाखिल की जाएगी। पुलिस और औषधि विभाग की संयुक्त कार्रवाई के तहत प्रकरण में सख्ती लगातार जारी है।
