वाराणसी
जानलेवा हमले और अवैध असलहे की बरामदगी मामले में आरोपी को मिली जमानत
वाराणसी। पुरानी रंजिश के चलते शादी समारोह में शामिल होने आये युवक को पिस्टल से गोली मारने और घटना में इस्तेमाल किए गए असलहे की बरामदगी से जुड़े मामले में आरोपित को अदालत से राहत मिल गई है। विशेष न्यायाधीश (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम चतुर्थ) रवींद्र कुमार श्रीवास्तव की अदालत ने बस्ती निवासी आरोपित अखिलेश पांडे को 50-50 हजार रुपये की दो जमानतें और समान राशि का बंधपत्र दाखिल करने पर रिहा करने का आदेश दिया। बचाव पक्ष की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अनुज यादव, नरेश यादव, विकास यादव और संदीप यादव ने अदालत में पक्ष रखा।
अभियोजन के अनुसार, सारनाथ थाना प्रभारी राहुल कुमार यादव को 29 नवंबर 2025 को मुखबिर से सूचना मिली कि एक युवक को गोली मारी गई है और उसे सिंह मेडिकल नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया है। सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस को घायल युवक के साथियों ने बताया कि वे सभी लखनऊ से ट्रेन द्वारा वाराणसी अपने मित्र आकाश यादव की बहन की शादी में शामिल होने आये थे। शिवपुर स्टेशन पर उतरने के बाद उन्होंने आकाश यादव को फोन किया, जिस पर वह स्कार्पियो वाहन लेकर पहुंचा। उसके साथ उसका रिश्तेदार प्रियांशु यादव भी था।
इसके बाद सभी लोग वाहन से प्रियांशु के घर की ओर चले। इसी दौरान हसनपुर सिंहपुर के पास पहुंचने पर आकाश यादव ने अपने पास से एक पिस्टल निकालकर अखिल पांडे को दे दी। आरोप है कि इसके बाद अखिल पांडे ने पिस्टल से सोनू सिंह के सीने में गोली मार दी। घायल सोनू सिंह को तत्काल उपचार के लिए सिंह मेडिकल नर्सिंग होम ले जाया गया, जहां उसका इलाज जारी है।
घटना के बाद पुलिस ने आकाश यादव को हिरासत में लेकर पूछताछ की। पूछताछ में उसने बताया कि पकड़े जाने के डर से उसने घटना के बाद पिस्टल को घटनास्थल से कुछ दूरी पर छिपा दिया था। उसकी निशानदेही पर पुलिस ने उक्त असलहा बरामद कर लिया। जब आकाश यादव से असलहे का वैध लाइसेंस मांगा गया तो वह प्रस्तुत नहीं कर सका। इसके बाद उसके खिलाफ जानलेवा हमले और अवैध असलहा बरामदगी के मामले में मुकदमा दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था।
